यदि आपको एक या एक से ज्यादा मांसपेशियों में अचानक अनचाही जकड़न महसूस हो तो इसे मांसपेशियों में ऐंठन भी कहते हैं। मांसपेशियों में ऐंठन के कारण होने वाला दर्द काफी गंभीर होता है, जिससे आपको सोते समय या चलते समय परेशानी महसूस हो सकती है।

मांसपेशियों में ऐंठन होने से कोई नुकसान तो नहीं होता, लेकिन यह ऐंठन और दर्द मांसपेशियों के इस्तेमाल में अस्थायी रूप से बाधा बन सकता है। गरम मौसम में ज्यादा देर व्यायाम करने से या शारीरिक काम ज्यादा करने के कारण भी मांसपेशियों में ऐंठन आ सकती है।

फ्रोजेन शोल्डर (अकड़े हुए कंधे), जिसे चिकित्सकीय रूप से आसंजी सम्‍पुट-प्रदाह (कैप्‍सूलाइटिस) कहा जाता है, एक विकार है, जिसमें कंधे का कैप्‍सूल, कंधे के अंसगत तथा प्रगण्डिका संबंधी जोड़ को घेरने वाला संयोजी ऊतक सूजा हुआ एवं कठोर बन जाता है, जो गति को अत्यधिक नियंत्रित कर देता है एवं तीव्र दर्द उत्पन्न करता है।

जब मनुष्य अपनी स्मरण या पहचानने की शक्ति खोकर अचानक गिर जाता है, नस पर नस चढ़ना, मांसपेशियों में ऐंठन या अकड़न आ जाये और हाथ-पैरों को कड़ा कर दें यह समझ लेना चाहिए कि उस व्यक्ति को आक्षेप रोग हो गया है।

मनुष्य चाहे जागने की स्थिति में हो या सोने की स्थिति में हो यह किसी भी समय हो सकता है। इस रोग में चेहरे पर विभिन्न प्रकार के भाव प्रकट होते हैं। यह वातनाड़ी संस्थान का रोग है।

यह समस्या होती क्यो है ?

जिन धमनियों के जरिए पैरों में खून पहुंचता है, अगर वह संकुचित हो जाएं तो इससे आपके पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन आ सकती है जिसके कारण आपको व्यायाम करते समय गंभीर दर्द महसूस हो सकता है। हालांकि, जब आप व्यायाम करना बंद कर देते हैं तो यह ऐंठन और दर्द खुद ठीक हो जाते हैं।

अगर रीढ़ की हड्डी की नसों पर दबाव पड़ रहा हो तो इसके कारण भी पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द हो सकता है। यह दर्द आपके चलने के साथ-साथ और गंभीर होता जाता है। इस तकलीफ से जुड़े अपने लक्षणों को कम करने का सबसे कारगर उपाय है कि किसी एक ही तय ढंग से धीरे चला जाए। जैसे कि आपके आगे शॉपिंग कार्ट है और आप उसे ठेलते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। इससे आपकी हालात बेहतर होगी।

अपने भोजन में महत्वपूर्ण खनिजों जैसे पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम को बेहद कम जगह देना भी पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन की एक बड़ी वजह हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के लिए ली जाने वाली दवा, ड्यूरेटिक्स भी इन खनिजों को सोंख कर इन की बेहद कमी कर देती है।

मांसपेशियों में ऐंठन, नस पर नस चढ़ना का घरेलू उपाय

अजवायन : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग खुरासानी अजवायन सुबह-शाम खाने से आक्षेप, मिर्गी और अनिद्रा में बहुत लाभ प्राप्त होता है।

लहसुन : दूध में लहसुन और वायविडंग को उबालकर सुबह-शाम रोगी को पिलाने से आक्षेप में बहुत लाभ प्राप्त होता है।

सौंफ : 1 भाग सौंफ, 4 भाग जटामांसी, 1 भाग दालचीनी, 1 भाग शीतलचीनी और 8 भाग मिश्री को लेकर इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना 3 से 9 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम रोगी को देने से उसके शरीर का कंपन खत्म हो जाता है जोकि आक्षेप की स्थिति में होता है।

सहजना (मुनगा) : नाक में सहजना के बीजों से बने चूर्ण को डालने से आक्षेप से बेहोश व्यक्ति जल्दी होश में आ जाता है।

शहद : शहद के साथ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम सुहागे की खील (लावा) को चटाने से आक्षेप और मिर्गी में बहुत आराम आता है। शहद के साथ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग जटामांसी के चूर्ण को सुबह-शाम रोगी को देने से आक्षेप के दौरे ठीक हो जाते हैं।

अगियारवर : अगियारवर को फेंटकर लगभग 40 ग्राम सुबह-शाम को आक्षेप के रोगी को देने से यह रोग दूर हो जाता है।

उस्तखुदूस : उस्तखुदूस के पचांग (छाल, जड़, रस, पत्ते, फल या फूल) का काढ़ा बनाकर रोगी को पिलाने से उसके आक्षेप के कारण पड़ने वाले दौरे बन्द हो जाते हैं।

ठंडी या गरम सिकाई करें : मांसपेशियों की ऐंठन वाले हिस्से पर गरम तौलिया या हीट पेड लगाएं, जिससे ऐंठन कम हो सके। अगर आप तुरंत गरम पानी से नहाते हैं या प्रभावित हिस्से पर गरम पानी डालते हैं तो यह भी मददगार हो सकता है।

स्ट्रेच और मालिश करें : जिस मांसपेशी में ऐंठन आई हो उसे स्ट्रेच करें और हल्के-हल्के सहलाएं। अगर पिंडली की मांसपेशी में ऐंठन आई हो तो शरीर का वजन उस पैर पर डालें और अपने घुटने को मोड़ने की कोशिश करें। खड़े नहीं हो पा रहे हो तो जमीन या किसी कुर्सी पर बैठ जाएं और पैर को सीधा और चौड़ा रखकर स्ट्रेच करें।