तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे मिलते हैं- जैसे श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी आदि। आओ जानते हैं कि हिन्दू धर्म में क्या है तुसली का महत्व।

अक्सर धार्मिक कार्यों में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दू धर्म में तुलसी को देवी का स्वरूप माना गया है।

इसलिए हर पूजा पाठ में इसे जरूर शामिल किया जाता है। आइए जानते हैं तुलसी के कुछ ऐसे अचूक फायदे जिनसे अनजान हैं आप अबतक।

तुलसी को जल देते वक्त

तुलसी की पत्तियों से लेकर उसकी जड़ तक के कई फायदे हैँ। गले में तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति के पास नकारात्मक शक्तियां नहीं आती।

तुलसी की माला धारण करने वाले को कभी कोई भय नहीं सताता। पूजन करते समय किसी तुलसी मंत्र का जप करेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा। यह एक तांत्रिक उपाय है और इसे करने पर आपको धन संबंधी कार्यों में भी विशेष सफलता प्राप्त होगी।

रोज सुबह शाम तुलसी के पौधे का सामने दीपक जलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। घर के दरवाजे के दोनों तरफ तुलसी के पौधे लगाने से सौभाग्य बढ़ता है।

तुलसी के सामने अशुभ सपने को बोलने से सारे दोष खत्म हो जाता है। अपने घर में बच्चों को रविवार के दिन छोड़कर तीन पत्ते खिलाएं। इससे उनमें जिद्दीपने की भावना खत्म होगी।

तुलसी पर दिया जलाने के नियम

हिंदू धर्म में तु़लसी के पौधे को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया गया है। माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा तुलसी के बिना पूर्ण नहीं हो सकती।

अगर आप भी तुलसी के नीचे दीया जलाते हैं तो आपको इन नियमों को अवश्य जानना चाहिए। सबसे पहले तुलसी के पूजा से पहले दीपक को आसन जरूर दें नहीं तो मां लक्ष्मी आसन ग्रहण नहीं करती।

मां लक्ष्मी का प्रिय धान चावल है इसलिए हमेशा दीपक को को चावल के आसन के उपर ही रखें ताकी घर में स्थिर लक्ष्मी का वास हो सके।

इसके आलावा शास्त्रों में एक बात और कही गई है और वह यह है जो व्यक्ति तुलसी के नीचे चावल का आसन बिछाकर घी या तेल का दीपक जलाता है।

उसे सदैव धनलाभ होता रहता है। क्योंकि चावल को चावल को शुद्धता का प्रतीक माना गया है और दीपक को पूर्णता का। इसलिए आप भी अगर तुलसी के नीचे दीया जलाते हैं तो आपको इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

हिन्दू धर्म में तुलसी का महत्व – ज्योतिष और वास्तु शास्त्र

भगवान विष्णु को सबसे प्रिय है तुलसी का पत्ता। भगवान को जब भोग लगाते हैं या उन्हें जल अर्पित करते हैं तो उसमें तुलसी का एक पत्ता रखना जरूरी होता है।

तांबे के लोटे में एक तुलसी का पत्ता डालकर ही रखना चाहिए। तांबा और तुलसी दोनों ही पानी को शुद्ध करने की क्षमता रखते हैं। दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियां डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है।

तुलसी का पत्ता खाते रहने से किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होता। प्रतिदिन 4 पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त, कैंसर आदि दोष दूर होने लगते हैं।

तुलसी के समीप आसन लगाकर यदि कुछ समय प्रतिदिन बैठा जाए तो श्वास व अस्थमा जैसे रोग आदि से छुटकारा मिल जाता है।

वास्तु दोष को दूर करने के लिए तुलसी के पौधे को अग्नि कोण से लेकर वायव्य कोण तक के खाली स्थान में लगा सकते हैं। यदि खाली जमीन न हो तो गमलों में भी तुलसी लगा सकते हैं।

ऐसा कहते हैं कि यदि आपके घर में कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले तुलसी को इसका ज्ञान होगा और वह सूख जाएगी। आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें, धीरे-धीरे वह पौधा सूखने लगता है।