Cancer | Constipation | Bad Cholesterol | Heart Care | Asthama | Blood Purifier

अपनी निजी जिंदगी में हम सभी किसी ना किसी रोग से पीडित हैं। चाहे वह कब्ज, भूख ना लगना, अस्थमा या हृदय से संबन्धित बीमारी ही क्यूं ना हो। इन बीमारियों को ठीक करने के लिये हम अच्छे खासे पैसे भी खर्च करते हैं मगर उससे भी कोई फरक नहीं पड़ता।

हम आपको बताना चाहेंगे कि हमारे किचन में ही कुछ ऐसी सामग्रियां रखी हैं, जो दवाइयों को भी फेल कर सकती हैं। कहने का मतलब है कि सरसों का तेल और हल्दी तो हर किचन में मौजूद होता है।

बस 2 टीस्पून सरसों के तेल में 1 टीस्पून हल्दी मिला कर 2 मिनट तक गरम कीजिये और फिर इसे एक चम्मच में डाल कर मुंह में डाल लीजिये।ऐसा हफ्ते में तीन बार खाना खाने के बाद करें। यह मिश्रण आपको किन-किन बीमारियों से राहत दिलाता है, आइये जानते हैं विस्तार से All Ayurvedic के माध्यम से इसके बारे में।

हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण केे फायदे | Cancer | Constipation | Bad Cholesterol | Heart Care | Asthama | Blood Purifier

भूख को उत्तेजित करे : इसका सेवन करने से पेट में खाना पचाने वाले जूस का प्रोडक्शन तेज हो जाता है, जिससे आपको अच्छी भूख लगने लगती है।

कब्ज से राहत दिलाए : अगर कब्ज की शिकायत है तो हल्दी और सरसों के तेल का नियमित सेवन करना चाहिये।

दिल के लिये लाभकारी : ये दो सामग्रियां शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को निकालती हैं, जिससे हृदय तक खून का फ्लो अच्छा हो जाता है।

कैंसर से बचाए : इस घरेलू उपचार से शरीर में बनने वाली कैंसर की सेल्स का विकास होता है क्योंकि इनमें phytonutrients और एंटीऑक्सीडेंट काफी भारी मात्रा में पाया जाता है।

अस्थमा से राहत दिलाए : इसके सेवन से फेफड़ों की जकड़न दूर होती है और अस्थमा से राहत मिलती है।

शारीरिक दर्द से छुटकारा दिलाए : ये दोंनो मिश्रण जब एक साथ मिलते हैं तो इनमें सूजन को खत्म करने वाला गुण पैदा होता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से से दर्द को कम कर सकते हैं।

फेफड़ों की जकड़न : इस मिश्रण का सेवन करने से फेफड़ों की जकड़न दूर होती है और अस्थमा से राहत मिलती है।

शरीरिक सूजन : हल्दी और सरसों के तेल के सेवन से शारीरिक सूजन  से छुटकारा मिलता है। इन दोनों के मिश्रण से शरीरिक सूजन को खत्म करने वाला गुण पैदा होता है।

खाना पचाने में कारगर : जिन लोगों को भूख नहीं लगती है उन्हें हल्दी और तेल के मिश्रण का सेवन करना चाहिए। शरीर में इससे खाना पचाने वाले जूस का निर्माण तेज हो जाता है, जिससे भूख अच्छी लगने लगती है। ऐसे पिएं हल्दी का पानी, होगा जबरदस्त फायदा।

कोलेस्ट्रॉल कम तो खून को साफ करे : दिल के लिए हल्दी और सरसों का तेल काफी फायदेमंद हो सकता है. ये दोनों चीजें शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल निकालने में काफी मददगार साबित होते हैं. इससे हृदय तक खून का फ्लो अच्छा हो जाता है।

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हल्दी के 30 फायदे | Heath Benefits of Turmeric

मधुमेह के रोग : 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी को फांककर पानी पीने से मधुमेह में हो रहे बार-पेशाब से आराम मिलता है। या 8 ग्राम पिसी हल्दी रोजाना दो बार पानी के साथ फंकी लें। इससे, बार-बार और अधिक मात्रा में पेशाब का आना, ज्यादा प्यास लगना, आदि मधुमेह के रोगों से आराम मिलता है।

त्वचा के रोग : हल्दी को पीसकर तिल के तेल में मिलाकर मालिश करें इससे चर्म रोग खत्म हो जाएगा। या अगर शरीर में खुश्की (चमड़ी सूख) गई हो तो सरसों के तेल में हल्दी को मिलाकर शरीर पर उसकी मालिश करने से लाभ होता है।

हाथ-पैर फटना : कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा मुलायम होती है। इससे हाथ-पैर भी नहीं फटते हैं और यदि फट भी गये हों तो उनमें हल्दी भर दें तो फायदा होगा।

चेहरे की झांइयां : 10-10 ग्राम हल्दी और तिल को पीसकर पानी में मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धो लें। इससे चेहरा चमक उठता है।

टांसिल का बढ़ना : 2 चुटकी पिसी हुई हल्दी, आधी चुटकी पिसी हुई कालीमिर्च और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर आग पर गर्म कर लें और फिर शहद में मिलाकर रात को सोते समय पीने से 2 ही दिन में टांसिल की सूजन दूर हो जाती है।

शरीर को शक्तिशाली बनाना : लगभग 500 ग्राम की मात्रा में हल्दी की गांठे और एक किलो बुझा हुआ चूना लेकर इसको एक मिट्टी के बर्तन में डालकर इसमें ऊपर से 2 लीटर पानी डालें। पानी डालते ही चूना पकने लगता है और जब यह ठण्डा हो जाए तो बर्तन को ढककर रख दें। इसके बाद 2 महीने बाद हल्दी की गांठों को निकालकर पीसकर चूर्ण बना लें। हल्दी की गांठों के चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 10 ग्राम शहद के साथ मिलाकर लगातार 4 महीने तक रोजाना खाने से शरीर का खून साफ हो जाता है और इससे शरीर में भरपूर ताकत आती है।

चोट लगने पर : चोट लगने पर एक चम्मच हल्दी गर्म दूध के साथ पीने से दर्द और सूजन दूर हो जाती है। चोट लगी जगह पर हल्दी को पानी में मिलाकर उसका लेप लगाएं और अगर चोट ज्यादा गहरा हो तो उसमें हल्दी भर दें इससे चोट जल्द भर जाएगी। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी को खाया जा सकता है। घी, आधा चम्मच सेंधानमक, थोड़ा-सा पानी मिलाकर हलुवा सा बनाकर चोट पर रखकर बांधें। आधा लीटर उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधानमक डालकर हिलाएं फिर इसमें एक चम्मच हल्दी डालें और बर्तन को उतारकर रख दें जब पानी सेक करने लायक हो जाये तो कपड़ा भिगोकर चोट वाले अंग पर इससें सेंक करें। इससे दर्द में आराम मलेगा।

हड्डी के टूटने पर : हड्डी के टूटने पर रोज हल्दी का सेवन करने से लाभ मिलता है। एक प्याज को पीसकर एक चम्मच हल्दी मिलाकर कपड़े में बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और इससे फिर सेंक करें। कुछ देर सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांध दें।

दांत दर्द : हल्दी, नमक और सरसों का तेल मिलाकर रोज मंजन करें। इससे दांत मजबूत बनेंगे।

पेट की गैस : पेट में जब गैस भर जाती है तो बहुत दर्द होता है। ऐसी स्थित में पिसी हुई हल्दी और सेंधानमक 5-5 ग्राम की मात्रा में पानी से लें।

गठिया : गठिया के रोग में हल्दी के लड्डू खाने से लाभ होता है।

खुजली : शरीर के पीले रंग के दाने जिसमें मवाद भरी हो और उनमें खुजली हो तो, एक चम्मच हल्दी, एक कप गर्म दूध, चौथाई चम्मच देशी घी, स्वाद के लिए शक्कर डालकर सुबह शाम पियें।

चेचक : हल्दी और इमली के बीज समान मात्रा में पीसकर चुटकी भर प्रतिदिन 7 दिनों तक लेने से माता (चेचक) नहीं निकलती है। चेचक के निकलने पर इमली के बीज का चूर्ण हल्दी में मिलाकर लेने से चेचक जल्द ही ठीक हो जाता है। चेचक के दानों में अगर घाव हो जाये तो पान के कत्थे को हल्दी के संग सूखा ही छिड़के तो वह ठीक हो जायेगा।

सौन्दर्यवर्धक : पिसी हुई हल्दी, चंदन का बुरादा, पिसे हुए हरे नीम के पत्ते प्रत्येक 2-2 चम्मच में लेकर मिला लें और चेहरे पर मलें। इससे चेहरा चमक उठेगा और इस प्रयोग से चेहरे के कील मुंहासें, दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे। कुछ हफ्ते लगातार इसे मलने से चेहरे का रंग भी साफ हो जाता है।

आंखों के रोग : हल्दी को अरहर की दाल में पकायें और छाया में सुखा लें उसे पानी में घिसकर, शाम होने से पहले ही दिन में दो बार जरूर लगायें इससे झामर रोग, सफेद फूली और आंखों की लालिमा में लाभ होता है।

पथरी : हल्दी और पुराना गुड़ छाछ में मिलाकर सेवन करने से पथरी नष्ट हो जाती है।

मस्से : हल्दी की गांठ को अरहर की दाल में पकायें फिर छाया में सुखाकर, गाय के घी में पीसकर (मस्सों) पर उसका लेप करें, इससे मस्से तुरन्त नर्म हो जाते हैं और दर्द दूर होता है।

बालों का आकर्षक : कच्ची हल्दी में चुकन्दर के पत्तों का रस मिलाकर सिर में लगायें इससे बाल नहीं गिरते और नये बाल भी उगते हैं। बाल सुन्दर और आकर्षक भी बन जाते हैं।

दीर्घायु : हल्दी का सेवन नियमित रूप से करने से वृद्धावस्था में देर में आती है और लंबी आयु प्राप्त होती है।

श्वास, दमा रोग : हल्दी को पीसकर इसका चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को तवे पर भूनकर शीशी में बंद करके रखें। इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म जल के साथ प्रतिदिन सेवन करने से अस्थमा (दमा) के रोगी को बहुत लाभ मिलता है।

खांसी : खांसी, गले, सीने में घबराहट हो तो गर्म पानी में हल्दी और नमक को मिलाकर पी लें। हल्दी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में डालकर चूसते रहने से खांसी कभी नहीं आएगी।

पायरिया : हल्दी को बारीक पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर रख लें। रोजाना रात को सोते समय इस मिश्रण को दांतों पर मलें और बिना कुल्ला किए हुए सो जाएं। सुबह उठकर कुल्ला करने से पायरिया का रोग नष्ट होता है।

सूखी काली खांसी : हल्दी की 3-4 गांठों को तवे पर भूनकर पीस लेते हैं। फिर इसे 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से सूखी काली खांसी दूर हो जाती है।

मसूढ़ों का रोग : हल्दी को मोटा-मोटा कूटकर आग पर भून लें। इसे बारीक पीसकर कपड़े से छानकर प्रतिदिन सुबह-शाम मसूढ़ों पर मलें। इससे मसूढ़ों के रोग ठीक हो जाते हैं।

पेट के कीड़े : हल्दी को तवे पर अच्छी तरह से भूनकर रख लें, फिर आधा चम्मच की मात्रा में रात को सोने से पहले पानी के साथ पीये। इससे पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।

बवासीर (अर्श) : हल्दी और कसी हुई लौकी का चूर्ण पानी के साथ पीसकर या सरसों के तेल में पका लें। उस तेल को मदार के पत्ते में लगाकर बवासीर के मस्सों पर लगायें और लंगोट कसें। इससे मस्से सूखकर गिर जाते हैं।

कान का बहना : 3 ग्राम हल्दी, 10 ग्राम नीम के पत्तों का चूर्ण और 10 ग्राम लहसुन की कलियों को 200 ग्राम सरसों के तेल में डालकर पका लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद का बहना ठीक हो जाता है।

चक्कर आना : कच्ची (ताजी) हल्दी पीसकर सिर पर लेप की तरह से लगाने से चक्कर आना बंद हो जाता है।

एक्जिमा : वासा (अडू़सा) के कोमल पत्तों को हल्दी में मिलाकर गौमूत्र (गाय का पेशाब) के साथ पीसकर लेप करने से एक्जिमा से मुक्ति मिलती है।

बिवाई के फटने पर : कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी को मिलाकर शरीर पर लेप करने से त्वचा मुलायम होती है और हाथ-पैर नहीं फटते हैं।