हृदय रोगियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। आने वाले वर्षों में भारत में हृदय रोगियों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक हो जाएगी। हम लोगों में से अधिकांश लोगों की जीवन शैली बहुत सुस्त हो गयी है जो दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है।

हृदय को अच्छा रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने आहार पर ध्यान देना क्योंकि हृदय रोग के लिए आहार महत्वपूर्ण घटक होता है। साथ ही शारीरिक व्यायाम करना और पर्याप्त नींद लेना भी ज़रूरी है।

चलिए आज हम All Ayurvedic के माध्यम से जानते हैं कि हृदय रोगों के खतरे को दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए ताकि दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी स्थितियों से बचा जा सके।

हार्ट अटैक एक बहुत बड़ी बीमारी होती है और ये बीमारी होने के कई कारण होते है, फ्रेमिन्घम हार्ट स्टडी के अनुसार जो लोग डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन के शिकार होतें है उनको यह बीमारी का होने का ख़तरा काफी ज्यादा होता है।

क्योंकि अधिक टेंशन लेने से दिल में जोर पड़ता है और हार्ट अटैक होने का खतरा रहता है, आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से बताने जा रहे है हार्ट अटैक से बचने के तरीकें के बारे में…

हार्ट अटैक से बचने के तरीक़े | Heart Attack

धुम्रपान : हाल में हुई इंटरहार्ट स्टडी के अनुसार धुम्रपान हार्ट अटैक होने का बहुत बड़ा कारण है, धुम्रपान हृदयरोग के साथ लंग्स को भी खराब करता है, शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए धुम्रपान न करें।

हाइपरटेंशन : ज्यादा टेंशन लेने की वजह से हार्ट अटैक होने की बहुत ज्यादा संभावना होती है, तो बहुत ज्यादा टेंशन न लें।

अल्कोहल न करें : अल्कोहल का सेवन करने से शरीर को बहुत से नुक्सान पहुचतें है जैसे की किडनी का खराब होना, ह्रदयरोग, लीवर सम्बन्धी समस्याएँ आदि. तो अल्कोहल का सेवन बिलकुल ना करें और जो करतें है वो जल्द ही बंद कर दें।

पर्याप्त व्यायाम करें : रोजाना पर्याप्त करना बहुत जरूरी होता है इससे ये शारीर को रिलैक्सेशन, लंग्स संबधी बिमारी, ह्रदयरोग और भी बहुत सी बीमारियों से बचाता है।

फलों और सब्जियों का सेवन करें : हार्ट अटैक फलों और सब्जियों के कम सेवन से भी होता है तो हार्ट अटैक से बचने के लियें पर्याप्त मात्रां में फलों और सब्जियों का सेवन करें।

मोटापा न बढ़ने दें : इंटरहार्ट स्टडी के अनुसार हार्ट अटैक अधिक मोटापा बढ़ने से भी होता है तो जितना हो सकें मोटापा न बढ़ने दें।

मानसिक और सामाजिक कारण : अपने मस्तिस्क में ज्यादा जोर न डालें इससे तनाव बढ़ता है और हार्ट अटैक होने की संभावना हो सकती है।

हार्ट के ब्लॉकेज खोलने और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए लहसुन, सिरका, निम्बू और शहद का रामबाण मिश्रण

दुनिया के बड़े-बड़े डाक्टरों ने यह माना है कि लहसुन, सिरका और शहद कैंसर और जोड़ों का दर्द भी ठीक कर सकता है।संसार के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों ने आश्चर्यजनक अध्ययन करके यह सिद्ध किया है कि चमत्कारी घरेलू नुस्खा, जिसकी एक दिन की लागत बहुत कम होती है, हर तरह की बीमारियों के लिए आरामदायक है।

इस इलाज से बंद नाड़ियों, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप ( हाई ब्लड प्रैशर), कैंसर की कुछ किस्मों, कैलेस्टरोल की अधिक मात्रा, सर्दी ज़ुकाम, बदहज़मी, सिर दर्द, दिल के रोग, रक्त प्रवाह की समस्या, बवासीर, दांत दर्द, मोटापा, अल्सर और बहुत सारी बीमारियाँ ठीक करने में सहायता मिलती है।

दिल की नाड़ियाँ बन्द होने पर अति लाभदायक, दिल की बन्द  नाड़ियों को खोलने और बड़ी बिमारियों के लिए लाभदायक, दिल की नाड़ियों को खोलने के लिए।

आवश्यक सामग्री

1 कप नींबू का रस

1 कप अदरक का रस

1 कप लहसुन का रस

1 कप सेब का सिरका

बनाने की विधि और सेवन का तरीका

उपरोक्त सभी वस्तुओं को मिला कर आधा घंटा आग पर उबालें। जब तीन कप तक रह जाए, तब इस मिश्रण को ठण्डा होने दो। ठण्डा होने पर इसमें तीन कप शहद मिला दें  और एक कांच की बोतल में डाल दें। हर रोज़ नाश्ते से पहले एक चम्मच लगातार लेने से बंद नाड़ियाँ खुल जाएंगी।

इससे किसी भी एंजीओग्राफी या बाईपास की ज़रूरत नहीं है । प्रकृति की यह एक अदभुत चिकित्सा मोटापे को दूर करती है। कैंसर, दमा तथा अनेकों अन्य बीमारियों का यह एक चमत्कारी और सस्ता इलाज है।

यह जोड़ों के दर्द के रोगियों पर किए गये एक अध्ययन से पता चला है कि रोज़ाना सिरका और शहद की एक खुराक लेने से जोड़ों के दर्द 90 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खाएं ये आहार

करे फाइबर से भरे खाने का सेवन : फाइबर को कम कोलेस्ट्रोल के लिए जाना जाता है जो स्ट्रोक के खतरे को कम करता है और वजन घटाने में मदद करता है। इसलिए आहार विशेषज्ञयों का कहना है कि आप अपने आहार में फाइबर से समृद्ध खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

जैसे ओट्स, ब्राउन चावल, बाजरा, मसूर में घुलनशील फाइबर होते हैं और सब्जियां, विशेष रूप से जिनकी त्वचा बैंगन और भिंडी जैसी होती है। उन्हें अपने आहार में शामिल करें।

हालांकि, इन सभी खाद्य पदार्थों को कम मात्रा में खाने के लिए कहा गया है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 4-5 अनाज और 2-3 सब्जियों को अपने अपने आहार में शामिल करें।

अर्जुन की छाल : यह औषधि हृदय रोग में बहुत ही उपयोगी है। इसका पावडर आधा चम्मच एक कप पानी में उबालकर आधा रह जाए तब पी लें। हृदय की सूजन, धड़कनों में तीव्रता, धमनियों में रुकावट आदि समस्या इससे दूर होती है। त्रिफला का प्रात: नियमित सेवन भी असरकारी होता है।

मौसंबी : मौसंबी का रस कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ इसमें उपस्थित गंदगी को भी साफ करता है।

अनार : प्रतिदिन एक अनार खाने से या अनार का रस लेने से हृदय रोग में फायदा होता है।

अदरक : सीने में जकड़न या साँस लेने में भारीपन महसूस होने पर अदरक का रस शहद के साथ सेवन करने से आराम मिलता है।

लहसुन : भोजन में इसका प्रयोग करें। खाली पेट सुबह के समय दो कलियांं पानी के साथ भी निगलने से फायदा मिलता है।

गाजर : बढ़ी हुई धड़कन को कम करने के लिए गाजर बहुत ही लाभदायक है। गाजर का रस पिएंं, सब्जी खाएंं व सलाद के रूप में प्रयोग करें।

नींंबू : दिन में दो-तीन बार शहद में नीबू का रस डालकर पिएंं।

शहद : यह एक ऐसा पदार्थ है जो रक्त में तीव्रता से मिलकर शरीर को ऊर्जा देता है। इससे हृदय को शक्ति मिलती है। थोड़ी-सी घबराहट होने पर नीबू-शहद लेने से कुछ ही देर में आराम हो जाता है।

टमाटर : इसमें विटामिन सी, बीटाकेरोटीन, लाइकोपीन, विटामिन ए व पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।

लौकी : इसे घिया भी कहते हैं। इसके प्रयोग से कोलोस्ट्रॉल का स्तर सामान्य अवस्था में आना शुरू हो जाता है। ताजी लौकी का रस निकालकर पोदीना पत्ती-4 व तुलसी के 2 पत्ते डालकर दिन में दो बार पीना चाहिए।

प्याज : इसका प्रयोग सलाद के रूप में कर सकते हैं। इसके प्रयोग से रक्त का प्रवाह ठीक रहता है। कमजोर हृदय होने पर जिनको घबराहट होती है या हृदय की धड़कन बढ़ जाती है उनके लिए प्याज बहुत ही लाभदायक है।