आज की इस तेज रफ्तार में भागती जिंदगी ने हमारी जीवनशैली को पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है। खान-पान की गलत आदतों के चलते आज हम कम उम्र में सेहत से जुड़ी कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रैशर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, हार्ट से जुड़ी समस्याएं आम हो गई है। इसी के साथ नसों की ब्लाकेज की समस्या भी काफी सुनने को मिल रही है। आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से हार्ट के ब्लॉकेज खोलने और कोलेस्ट्रॉल कम करने के कारगर उपायों के बारे में बताएंगे।

दरअसल, नसों की कमजोरी और ब्लॉकेज होने का कारण हमारी डाइट में पोषक तत्वों की कमी है। संतुलित की बजाए बाहर का तला भूना व फास्ट फूड खाने से हमारे रक्त में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती हैं जो नसों के ब्लड सर्कुलेशन में रूकावट डालना शुरू कर देते हैं।

इससे शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे नसों में खून का प्रवाह अच्छे से नहीं होता और थका जमना शुरू हो जाता है जो बाद में ब्लाकेज का रूप ले लेता है। हार्ट व शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लॉकेज खोलने के लिए सर्जरी व दवाओं का सहारा लिया जाता है जो काफी महंगा इलाज है।

आहार जो करते हैं धमनियों की नैचुरल सफाई

मेडिटेरेनियन डाइट प्लान जिसमें कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल हो लेकिन फाइबर की मात्रा भरपूर हो। शुगर व नमक का कम सेवन करें और मक्खन की जगह आलिव ऑयल वसा का इस्तेमाल करें। धमनियों के अनुकूल खाद्य पदार्थ व हर्ब जैसे चने, अनार, जई, एवाकाडो, लहसुन, केसर, हल्दी, कैलामस, हरी सब्जियों व फलों का सेवन करें।

खाना खाने के बाद गुनगुना गर्म पानी का सेवन जरूर करें क्योंकि इसे नसों में ब्लाकेज का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। मैटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज का सहारा लें।

हार्ट की रक्त नलियों और शरीर की रक्त नलियों से ब्लॉकेज खोलने के उपाय 

दूध और लहसुन : एक गिलास दूध में थोड़ा सा पानी और लहसुन पीसकर डाल देना है और रात को खाने के बाद सोने से पहले इस दूध को पीना है। दूध और लहसुन का यह मिश्रण हृदय धमनियों की रूकावट यानि उसमें जमे हुए ब्लॉकेज को खत्म कर देता है और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या दूर करता है। हृदय धमनियों की ब्लॉकेज पूरी तरह खोल देता है।

अर्जुन छाल का काढ़ा : क्या आपकी धमनियों में खून के धक्के जमे हुए हैं या इनमे प्लाक जमा हुआ हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ रहता है या किन्ही कारणवश डॉक्टर ने आपको ANGIOPLASTY के लिए कह दिया हैं। या कैसी भी गंभीर समस्या हैं। तो एक बार ये ज़रूर आज़माये। अर्जुन की छाल 100 ग्राम ले कर 500 मिली पानी में पकाये 200 मिली रहने पर उतार ले और हर रोज़ सुबह शाम 10-10 मिली ले। इस से खून में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल कम हो जायेगा, खून के धक्के साफ़ हो जायेंगे, ब्लड प्रेशर सही हो जायेगा और ANGIOPLASTY की नौबत नहीं आएगी।

अर्जुन के सेवन से अलसर में भी आशातीत लाभ होता हैं। इस काढ़े को और असरदार बनाने के लिए इसमें 10 ग्राम दालचीनी मिला मिला कर काढ़ा बनायें। अर्जुन की चाय भी बना कर पी जा सकती हैं। साधारण चाय की जगह अर्जुन की कुटी हुई छाल डालिये। और चाय की तरह बना कर पीजिये।

अगर आपको अर्जुन के पेड़ न मिले तो अर्जुन छाल आपको पंसारी या जड़ीबूटी रखने वालों की दुकानो से मिल जाएगी ये 100 ग्राम 15 रुपैये की आएगी। अनेको हृदय रोगियों को इस से राहत मिली हैं। अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए आप ये वीडियो देख सकते हैं। अर्जुन को पैरालिसिस के मरीजों को भी देते हैं जिस से उनको बहुत लाभ होता हैं। वेरिकोज वेंस में भी ये बहुत उपयोगी हैं, अलसर के रोगियों के लिए भी ये बहुत लाभदायक।

दिल सभी बिमारियों से आजादी : रोज सुबह खाली पेट सोयाबीन का सेवन करने से दिल के रोगों से छुटकारा मिल जाता हैं। क्यूंकि फौलादी शरीर पाने के लिए दिल मजबूत होना चाहिए और अगर सोयाबीन का सेवन किया जाएगा तो दिल सभी बिमारियों से आजाद रहता हैं।

लौंग, लहसुन और हल्दी : 3 टुकड़े लहसुन के, 2 चम्मच हल्दी और 3 लौंग को ब्लेंडर में मिक्स कर लेंगे और इस मिक्सचर को गुनगुने दूध में या गर्म पानी के साथ रोजाना रात को सोने से पहले लेंगे तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, इस मिश्रण से आपकी आर्टरी में जमा फैट घुल जाती है जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है। हार्ट की नालियों में जमे कोलेस्ट्रॉल को निकलता है और भविष्य में कोलेस्ट्रॉल जमने से बचाता है।

कोलेस्ट्रांल को दिल की नलियों में जमने से रोके : सोयाबीन में 20 से 22 प्रतिशत वसा पाई जाती है। सोयाबीन की वसा में लगभग 85 प्रतिशत असन्तृप्त वसीय अम्ल होते हैं, जो दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसमें ‘लेसीथिन’ नामक प्रदार्थ होता है। जो दिल की नलियों के लिए आवश्यक है। यह कोलेस्ट्रांल को दिल की नलियों में जमने से रोकता है।

खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करे : सोयाबीन खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए यह दिल के रोगियों के लिये फायदेमंद है। ज्यादातर दिल के रोगों में खून में कुछ प्रकार की वसा बढ़ जाती है, जैसे-ट्रायग्लिसरॉइड्स, कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल, जबकि फायदेमंद वसा यानी एचडीएल कम हो जाती है।

सोयाबीन में वसा की बनावट ऐसी है कि उसमें 15 प्रतिशत सन्तृप्त वसा, 25 प्रतिशत मोनो सन्तृप्त वसा और 60 प्रतिशत पॉली असन्तृप्त वसा है। खासकर 2 वसा अम्ल, जो सोयाबीन में पायें जाते हैं। यह दिल के लिए काफी उपयोगी होते हैं। सोयाबीन का प्रोटीन कोलेस्ट्रल एवं एलडीएल कम रखने में सहायक है। साथ ही साथ शरीर में लाभप्रद कोलेस्ट्रॉल एचडीएल भी बढ़ाता है।

लहसुन : लहसुन कोलेस्ट्रॉल को घटाने में काफी लाभदायक है इसलिए अपने आहार में लहसुन को जरूर शामिल करें। बंद धमनियों की समस्या होने पर 3 लहसुन की कली को 1 कप दूध में उबाल कर पीएं।

एवोकाडो : एवोकाडो में मौजूद मिनरल्स, विटामिन A, E और C कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखते है। इससे रक्त कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होता और आप ब्लाकेज की समस्या से बचे रहते है।

ओट्स : ओट्स का रोजाना सुबह नाश्ते में सेवन भी ब्लाकेज की समस्या को दूर करता है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

अनार : एंटीऑक्सीडेंट, नाइट्रिक और ऑक्साइड के गुणों से भरपूर अनार के 1 गिलास जूस का रोजाना सेवन आपको धमनियों की ब्लोकेज के साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम से दूर रखता है।

ड्राई फ्रूट्स : रोजाना कम से कम 50-100 ग्राम बादाम, अखरोट और पेकन (Pecan) का सेवन आपकी रक्त कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होने देता। इससे आप ब्लाकेज की समस्या से बचे रहते है।

आयुर्वेदिक हर्ब्स : लहसुन, शहद, हल्दी, केसर, कैमलस और कुसुरा फूल को मिलाकर पीस लें। इसके रोजाना सेवन करने से आप ब्लाकेज की समस्या के साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम से बच सकते है।

इनका बातों का ध्यान जरूर रखे

मोटापे पर रखें कंट्रोल : मोटापे को बीमारियों की जड़ कहा जाता है। नसों की ब्लाकेज के लिए भी आपका बढ़ता वजन जिम्मेदार है इसलिए बटर, चीज, क्रीम, केक, रैड मीट जैसी फैटी डाइट का सेवन कम करें।

पर्याप्त नींद : इसके अलावा भरपूर नींद लें क्योंकि नींद लेने से हार्मोंनल संतुलन नहीं बिगड़ता।

धूम्रपान को कहें ना : धूम्रपान भी नसों की ब्लाकेज का मुख्य कारण है। इसलिए अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो उसे आज ही ना कर दें।

व्यायाम : रोजाना 30 मिनट योग एरोबिक या हल्का फुल्का व्यायाम जरूर करें इससे नसों में हलचल होती रहती हैं जिससे ब्लाकेज का खतरा कम रहता है।