O और A पॉजीटिव ब्‍लड ग्रुप तीन में से एक आदमी का होता है। वहीं औसतन हर 12 में से एक आदमी का रक्‍त समूह B पॉजीटिव होता है। O नेगेटिव हर 15 में से एक व्‍यक्ति का। A नेगेटिव हर 16 में से एक व्‍यक्ति का AB पॉजीटिव हर 33 में से एक व्‍यक्ति का। B नेगेटिव हर पचास में एक व्‍यक्ति का और AB नेगेटिव हर सौ में से एक व्‍यक्ति का ब्‍लड ग्रुप होता है।

ब्लड ग्रुप से लोगों के व्यक्त्तिव का पता लगता है। इसलिए सभी को अपने ब्लड ग्रुप का पता होना चाहिए। आपका ब्लड ग्रुप आपकी सेहत के बारे में तो बताता ही है। साथ ही आपकी पर्सनलिटी के बारे में जानकारी पता चलती है।

बाहर के देशों में तो ब्लड ग्रुप से रिश्ते तय किए जाते हैं। व्यक्ति के अंदर मौजूद ब्लड ग्रुप आपके व्यक्तित्व, पसंद, काम, जीवन से जुड़ी सभी की जानकारी दे सकते हैं। जैसे हर व्यक्ति का व्यवहार अलग होता है, ठीक वैसे ही सबका ब्लड ग्रुप भी अलग-अलग ही होता है।

जापान में लडक़ा-लडक़ी के ब्लड ग्रुप के जरिए ही उनके लिए जीवन साथी चुना जाता है। कई एशियाई देशों में माना जाता है कि आप किसी भी व्यक्ति का सही स्वभाव उसके ब्लड ग्रुप से पता लगा सकते हैं।

आप जानते हैं आपके ब्लड ग्रुप से पता चलता है आपके स्वभाव के बारे में, इसके अलावा आपके ब्लड ग्रुप से पता चलता है कि आप भविष्य में कितने बड़े इंसान बनेंगे। सबसे पहले 1901 में ब्‍लड ग्रुप की जानकारी हुई, उसके बाद से इसे लेकर कई रोचक और दिलचस्‍प शोध भी होते रहे हैं।

ब्लड-ग्रुप 8 तरह के होते हैं – ए, बी, एबी और ओ पॉजिटिव या निगेटिव। केवल समान ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों के खून की अदला-बदली हो सकती है। ब्लड ग्रुप में अंतर खून में पाए जाने वाले अणुओं, जिन्हें एंटीजन और एंटीबॉडी कहते हैं, के कारण होती है।

एंटीजन, खून में पाई जाने वाली लाल रक्त कणिकाओं की सतह पर पाए जो हैं और एंटीबॉडी ब्लड प्लाजमा में। आमतौर पर लोगों में पाया जाने वाला ब्लड ग्रुप आनुवांशिक होता है। आइये जाने All Ayurvedic के माध्यम से इससे जुड़े कुछ दिलचस्‍प शोध के बारे में जाने।

A ब्लड ग्रुप – ए पॉजिटिव A (+) और ए निगेटिव A (-)

इस ब्लड ग्रुप के लोगों में सफलता प्राप्त करने का जुनून होता है। इस टाइप के लोग एक अच्छे रोल मॉडल बनते हैं। हमेशा सभी के साथ चलना पसंद करते हैं। इस ग्रुप के लोग स्वभाव से कोमल, रेस्पोंसिबल, सेंसेटिव और जीवन में अच्छे दोस्त साबित होते हैं।

इनकी खास बात यह होती है कि ये लोग खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचते हैं। साथ ही ज्यादा सोचने की वजह से जल्दी तनाव में आ जाते हैं। आइये अब जानते है अब ए पॉजिटिव A (+) और ए निगेटिव A (-) के बारे में।

ए पॉजिटिव A (+) : जिन लोगों का ब्‍ल्‍ड ग्रुप ए पॉजिटिव होता है उनमें अच्‍छी नेतृत्‍व क्षमता देखी जाती है। ए पॉजिटिव रक्‍त समूह वाले लोग अच्‍छे तरीके से नेतृत्‍व कर सकते हैं। वे सबको साथ लेकर चलने और सबका व‍िश्‍वास हासिल करने में यकीन रखते हैं। अगर आपका रक्‍त समूह ए पॉजीटिव है तो आप ए पॉजीटिव, ए नेगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप का ब्‍लड ले सकते हैं।

ए निगेटिव A (-) : ए निगेटिव रक्‍त समूह वाले लोगों को मेहनती माना जाता है। ऐसे लोग मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं। कठिन और लगातार काम करने में भी इनको कोई परहेज नहीं है। ये लोग मानते हैं कि मेहनत का कोई विकल्‍प नहीं होता। जिन लोगों का ब्‍लड ग्रुप ए नेगेटिव है उन्‍हें ए नेगेटिव और ओ नेगेटिव वाले लोगों का ब्‍लड ही चढ़ाया जा सकता है।

B ब्लड ग्रुप – बी पॉजिटिव B (+) और बी निगेटिव B (-)

इस ग्रुप के लोग काफी फ्रेंडली होते है और दूसरों के साथ आसानी से घुल मिल जाते हैं। इस ब्लड ग्रुप के लोग थोड़ा स्वार्थी होते हैं। बी ब्लड ग्रुप के लोग काफी मेहनती होते हैं हमेशा जीवन में हर चीज को अपनी मेहनत से ही प्राप्त करना चाहते हैं। ये लोग झूठ सुनना और बोलना पसंद नहीं करते। ये लोग सच बोलने में विश्वास रखते हैं। इस टाइप के लोग ज्यादा जिद्दी होते हैं, जो आसानी से किसी बात के लिए नहीं मानते। आइये अब जानते है अब बी पॉजिटिव B (+) और बी निगेटिव B (-) के बारे में।

बी पॉजिटिव B (+) : ऐसे लोगों का दिल दूसरों के लिए दरिया की तरह होता है। इस रक्‍त समूह वाले लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नहीं हटते और दूसरों के लिए बलिदान भी दे सकते हैं। इन लोगों के लिए रिश्‍ते बहुत मायने रखते हैं। ये हमेशा किसी के लिए कुछ न कुछ करना चाहते हैं। बी पॉजीटिव ब्‍लड ग्रुप वाले लोगों को बी पॉजीटिव, बी नेगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रपु का रक्‍त चढ़ाया जा सकता है।

बी निगेटिव B (-) : इस रक्‍त समूह वाले लोगों की प्रवृत्ति ठीक नहीं मानी जाती है। ऐसे लोग स्‍वार्थी होते हैं और दूसरों से ज्‍यादा खुद के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोग किसी की सहायता करने में भी विश्‍वास नहीं रखते हैं। इन लोगों का दृष्टिकोण भी नकारात्‍मक होता है। बी नेगेटिव वाले लोगों को जरूरत पड़ने पर बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव रक्‍त समूह का रक्‍त ही चढ़ाया जा सकता है।

AB ब्लड ग्रुप – एबी पॉजिटिव AB (+) और एबी निगेटिव AB (-)

इस ब्लड ग्रुप के लोग ज्यादातर शांत स्वभाव के होते हैं। ये लोग बहुत ही स्मार्ट और इंटेलिजेंट होते हैं। इस ब्लड ग्रुप के लोग आसानी से किसी पर भरोसा नहीं करते। ये लोग बहुते अच्छे और सच्चे दोस्त बनते हैं। इस टाइप के लोग बहुत साफ दिल के होते हैं। जैसे मन से होते हैं वैसे ही खुद को दर्शाते हैं। आइये अब जानते है अब एबी पॉजिटिव AB (+) और एबी निगेटिव AB (-) के बारे में।

एबी पॉजिटिव AB (+) : इस रक्‍त समूह वाले लोग को आसानी से समझा नहीं जा सकता है। ऐसे लोगों को समझना बहुत मुश्किल होता है, किसी को नहीं पता कि वे कब क्‍या सोच सकते हैं। क्‍योंकि उनकी प्र‍कृति कभी भी एक जैसी नहीं होती है। एबी पॉजीटिव यूनिवर्सल रिसीवर होता है। यानी उसे एबी पॉजीटिव, एबी नेगेटिव, ओ पॉजीटिव, ओ नेगेटिव, ए पॉजीटिव, ए नेगेटिव तथा बी पॉजीटिव व बी नेगेटिव कोई भी रक्‍त चढ़ाया जा सकता है।

एबी निगेटिव AB (-) : एबी निगेटिव रक्‍त समूह वाले लोगों का दिमाग बहुत तेज चलता है, इन लोगों को बहुत बुद्धिमान माना जाता है। इस ब्‍लड ग्रुप के लोग आसानी से किसी बात को समझ लेते हैं। इनका दिमाग उन सब बातों को समझ लेता है, जिन्‍हें आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे लोगों को जरूरत पड़ने पर एबी नेगेटिव, ए नेगेटिव, बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप चढ़ाया जा सकता है।

O ब्लड ग्रुप – ओ पॉजिटिव O (+) और ओ निगेटिव O (-)

इस ब्लड ग्रुप के लोग बहुत ज्यादा पॉजिटिव और कॉंफिडेंट होते हैं। इस ब्लड ग्रुप के लोगों में एक अच्छा लीडर बनने के सबसे ज्यादा गुण होते हैं। ये लोग बहुत ज्यादा मेहनती होते हैं। इन लोगों में सबसे ज्यादा सफलता हासिल करने का जुनुन होता है। हमेशा दूसरों की खुशी के बारे में सोचते हैं। इस तरह के लोग अच्छे साथी बनते हैं। आइये अब जानते है अब ओ पॉजिटिव O (+) और ओ निगेटिव O (-) के बारे में।

ओ पॉजिटिव O (+) : ओ पॉजिटिव ब्‍लड ग्रुप के लोगों के लिए यह माना जाता है कि वे पैदा ही हुए हैं लोगों की मदद करने के लिए। ऐसे लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नही हटते और अपना जीवन दूसरों की सहायता में भी बिता सकते हैं। ओ पॉजीटिव को यूं तो यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है, लेकिन जब आप रक्‍त रिसीव करने की होती है, तो उन्‍हें केवल ओ नेगेटिव और ओ पॉजीटिव रक्‍त ही चढ़ाया जा सकता है।

ओ निगेटिव O (-) : इस रक्‍त समूह के लोगों की सोच ही संकरी होती है। ओ निगेटिव ब्‍लड ग्रुप वाले लोग दूसरों के बारे में अधिक सोचते नहीं, क्‍योंकि इनके दिमाग में खुद के अलावा किसी दूसरे के लिए खयाल नहीं आता। ऐसे लोग संकीर्ण मानसिकता वाले होते हैं। ये लोग नये विचारों को आसानी से स्‍वीकार नहीं करते। ओ नेगेटिव वाले लोग केवल ओ नेगेटिव रक्‍त की रिसीव कर सकते हैं।