दूध का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। इससे ताकत तो मिलती ही है साथ ही इसमें टेस्ट भी होता है। लेकिन, बात अगर मर्दों की हो तो उनके लिए दूध मसल्स और हड्डियों के लिए भी काफी लाभदायक है।

दरअसल, दूध में मौजूद प्रोटीन बॉडी में आसानी से अब्जॉर्ब हो जाता है और अगर दूध के साथ अखरोट को मिला दिया जाए तो इसकी शक्ति दोगुनी हो जाती है. अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी की रिसर्च के अनुसार दूध में मौजूद प्रोटीन बॉडी में आसानी से घुल जाते हैं।

दूध में अखरोट का पेस्ट मिलाकर पीने के भी कई फायदे होते हैं। पुरुषों के लिए अखरोट वाले दूध के फायदे होते हैं। अखरोट वाले दूध में मुनक्का, बादाम और केसर मिलाकर पीने से पुरुषों की कमजोरी दूर होती है। इसे वे शारीरिक ताक़त इम्प्रूव करने का आसान तरीका बताती हैं।

अखरोट वाला दूध बनाने का तरिका

अखरोट को रात में पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर दूध में मिला लें। अच्छी तरह से उबल जाने पर आंच से उतार लें। इसे गुनगुना कर पिएं।

अखरोट वाला दूध पीने के फ़ायदे

मसल्स मजबूत बनाएँ : अखरोट में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। इससे मसल्स मजबूत होती हैं। सिक्स पैक एब्स बनाने में ये ड्रिंक फायदेमंद हैं।

पौरूष शक्ति : इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होते हैं। यह पौरूष शक्ति से रिलेटेड प्रॉब्लम से बचाता है।

हड्डियां मजबूत बनाएँ : इस ड्रिंक में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

वृद्धावस्था की निर्बलता : आठ अखरोट की गिरी और चार बादाम की गिरी और दस मुनक्का को रोजाना सुबह के समय खाकर ऊपर से दूध पीने से वृद्धावस्था की निर्बलता भी दूर हो जाती है। बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने का यह बहुत ही उत्तम उपाय है, यदि जवाँ व्यक्ति इसका नियमित सेवन करे तो बुढापा उसे जल्दी नही आता उसका शरीर निरोग, बलवान और पुष्ट रहता है।

आंतों के कीड़े : अखरोट को गर्म दूध के साथ सेवन करने से बच्चों के पेट में मौजूद कीड़े मर जाते हैं तथा पेट के दर्द में आराम देता है। कुछ दिनों तक शाम को दो अखरोट खिलाकर ऊपर से दूध पिलाने से बच्चों के पेट के कीडे़ मल के साथ बाहर निकल जाते हैं अखरोट की छाल का काढ़ा 60 से 80 मिलीलीटर पिलाने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं।

हृदय की दुर्बलता : हृदय की दुर्बलता होने पर अखरोट खाने से दिल स्वस्थ बना रहता है रोज एक अखरोट खाने से हृदय के विकार 50 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं और इससे हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रहती है।

इस अखरोट के असर से शरीर में वसा को पचाने वाला तंत्र कुछ इस कदर काम करता है कि हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है हालांकि रक्त में वसा की कुल मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता है लेकिन अखरोट में कैलोरी की अधिकता होने के बावजूद इसके सेवन से वजन नहीं बढ़ता और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।

याददाश्त मजबूत करे : हमारे शरीर का कोई अंग जिस आकार का होता है ठीक उसी आकार का फल खाने से उस अंग को मजबूती मिलती है चूँकि अखरोट की बनावट हमारे दिमाग की तरह होती है।

इसलिए अखरोट खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है तथा याददाश्त मजबूत होती है अखरोट की गिरी को 25 से 50 ग्राम तक की मात्रा में प्रतिदिन खाने से मस्तिष्क शीघ्र ही सबल हो जाता है अखरोट खाने से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है।

गठिया और रक्त शुद्धि : वात रोग में अखरोट की 10 से 20 ग्राम की ताजी गिरी को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लेप करें तथा ईंट को गर्मकर उस पर जल छिड़ककर कपड़ा लपेटकर उस स्थान पर सेंक देने से शीघ्र पीड़ा मिट जाती है लेकिन गठिया पर इसकी गिरी को नियमपूर्वक सेवन करने से रक्त शुद्धि होकर लाभ होता है।

क़ब्ज़ : अखरोट के तेल को 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में 250 मिलीलीटर दूध के साथ सुबह देने से मल मुलायम होकर बाहर निकल जाता है। पेट अच्छे से साफ़ होता है और क़ब्ज़ की सिकायत ख़त्म होती है।