भारत देश में लगभग सभी धर्मों में दान धर्म को सबसे उच्च माना गया है। हामरे शास्त्रों में भी लिखा है की जो व्यक्ति दान धर्म जैसे पुण्य कर्म करता है उसपर ईश्वर की सदैव कृपा रहती है। इस कर्म में बहुत सारी ऐसी परम्पराएं हैं जिससे हम रूबरू होते आये हैं इन्हीं परम्परों में से एक है नदी में सिक्के डालने की परम्परा।

आखिर क्यों डालते हैं लोग नदी में सिक्का क्या है इसके पीछे की महत्ता, आज हम बताएंगे आपको। तो आइये जाने की नदी में सिक्का फेंकने के पीछे क्या है रहस्य।

तो इस वजह से नदी में लोग सिक्का डालते हैं?

आपने अक्सर देखा होगा की जब कभी भी लोग किसी नदी से होकर गुजरते हैं तो उसमे एक सिक्का दाल देते हैं। कभी कभार लोग ट्रेन या बस से सफर करते वक़्त भी अगर किसी नदी से होकर गुजरते हैं उसमे सिक्का जरूर फेंक देते हैं।

इस परंपरा के पीछे कोई अंधविश्वास नहीं है बल्कि एक तथ्यात्मक कारण है, दरअसल लोग पहले नदी में ताम्बे का सिक्का डालते थे जिससे की जल का शुद्धिकरण होता था। पुराने ज़माने में लोग ताम्बे के सिक्के का ही इस्तेमाल करते थे, इसलिए नदी में ताम्बे के सिक्के को डालते थे।

ताम्बे के बर्तन में जल पीना सबसे लाभकारी माना गया है इस उदेश्य से भी लोग नदी में ताम्बे का सिक्का दाल देते थे। ऐसा करने से नदी भी स्वच्छ रहती थी और लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहता था। आजकल ताम्बे के सिक्के तो नहीं मिलते लेकिन इसके वाबजूद भी लोग आजतक इस परंपरा को मानते आये हैं।

ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से भी नदी में सिक्का डालने की परंपरा है

ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रह दोषों को दूर करने के लिए नदी में सिक्का डालने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है की अगर नदी में सिक्के और पूजा की सामग्रियां प्रवाहित की जाए तो उससे कई तरह के ग्रह दोषों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है।

इसके अलावा ऐसी मान्यता भी है की नदी में सिक्का डालना पुण्य का काम होता है क्यूंकि नदी किनारे बसे गावं के बच्चे नदियों से सिक्के इक्कठा कर अपना पालन पोषण करते हैं इसलिए ये एक तरह से दान का काम भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी पर चंद्र दोष हो तो उन्हें बहती नदी में चांदी का सिक्का डालना चाहिए इससे चंद्र दोष दूर होता है।

पुराने लोग ताम्बे का पानी क्यो पीते थे?

आयुर्वेद में कहा गया है सुबह के समय तांबे के पात्र का पानी पीना विशेष रूप से लाभदायक होता है। इस पानी को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाते हैं। साथ ही, इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं।

इसके इतने फायदों के कारण ही हमारे पूर्वज पहले तांबे के बर्तनो का उपयोग करते थे लेकिन वर्तमान में तो मानो ये घर से विलुप्त ही हो गए हो, क्या आप पीते है तांबे के बर्तन का पानी? रात को तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।

ये ध्यान रखने वाली बात है कि तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है । जिन लोगों को कफ की समस्या ज्यादा रहती है, उन्हें इस पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि तांबे के बर्तन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं। रात को तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में।

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हमेशा दिखेंगे जवान : कहते हैं, जो पानी ज्यादा पीता है उसकी स्किन पर अधिक उम्र में भी झुर्रियां दिखाई नहीं देती हैं। ये बात एकदम सही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है। डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है।

थायराइड को करता है नियंत्रित : थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।

गठिया में होता है फायदेमंद : आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में ऐसे गुण आ जाते हैं, जिनसे बॉडी में यूरिक एसिड कम हो जाता है और गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।

स्किन को बनाए स्वस्थ : अधिकतर लोग हेल्दी स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। वो मानते हैं कि अच्छे कॉस्मेटिक्स यूज करने से त्वचा सुंदर हो जाती है, लेकिन ये सच नहीं है। स्किन पर सबसे अधिक प्रभाव आपकी दिनचर्या और खानपान का पड़ता है। इसलिए अगर आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह उस पानी को पी लें। नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से स्किन ग्लोइंग और स्वस्थ लगने लगेगी।

दिल को बनाए हेल्दी : तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।

खून की कमी करता है दूर : एनीमिया या खून की कमी एक ऐसी समस्या है जिससे 30 की उम्र से अधिक की कई भारतीय महिलाएं परेशान हैं। कॉपर के बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।

कैंसर​ से लड़ने में सहायक : कैंसर होने पर हमेशा तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीना चाहिए। इससे लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करता है। इस प्रकार के जल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर कई तरीके से कैंसर मरीज की हेल्प करता है। यह धातु लाभकारी होती है।

सूक्ष्मजीवों को खत्म करता है : तांबे की प्रकृति में ऑलीगोडायनेमिक के रूप में ( बैक्टीरिया पर धातुओं की स्टरलाइज प्रभाव ) माना जाता है। इसीलिए इसके बर्तन में रखे पानी के सेवन से हानिकारक बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। इसमें रखे पानी को पीने से डायरिया, दस्त और पीलिया जैसे रोगों के कीटाणु भी मर जाते हैं, लेकिन पानी साफ और स्वच्छ होना चाहिए।

वजन घटाने में मदद करता है : कम उम्र में वजन बढ़ना आजकल एक कॉमन प्रॉब्लम है। अगर कोई भी व्यक्ति वजन घटाना चाहता है तो एक्सरसाइज के साथ ही उसे तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए। इस पानी को पीने से बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है। शरीर में कोई कमी या कमजोरी भी नहीं आती है।

पाचन क्रिया को ठीक करता है : एसिडिटी या गैस या पेट की कोई दूसरी समस्या होने पर तांबे के बर्तन का पानी अमृत की तरह काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे रखा हुआ जल पिएं। इससे राहत मिलेगी और पाचन की समस्याएं भी दूर होंगी।