यूरीन इंफेक्शन | Urine Infection | UTI

पेशाब में दिक्कत आना या यूरीन इन्फेक्शन (UTI) होना एक आम समस्या होती जा रही है ज़्यादातर पुरुष , महिलाओं या जवान लड़कियों में 100 में से अस्सी प्रतिशत लोग कभी न कभी मूत्र रोगों से परेशान रहे होते हैं. क्रैनबेरी फल पेशाब के रस्ते में होने वाले संक्रमण का एक बेहतर प्राकृतिक उपाय है

लेकिन ये इलाज सबसे प्रभावी होने के साथ साथ थोड़ा महंगा भी होता है क्योंकि क्रैनबेरी का फल आसानी से हर जगह उपलब्ध नहीं है और ये थोड़ा महंगा भी होता है. लेकिन यहाँ हम आज आपको जो उपाय बता रहे हैं वो बहुत किफायती, सस्ता और बड़ी ही आसानी से मिलने वाली चीज है और आप पेशाब सम्बन्धी समस्या से इस सस्ती चीज़ से राहत पा सकते हैं।

यूरीन इन्फेक्शन वाले व्यक्ति को घर पर बैठे हुए भी अच्छी खासी परेशानी हो सकती है। आमतोर पर यह समस्‍या एंटीबॉयोअिक दवाएं लेने से ठीक हो जाती है। लेकिन इसके कुछ घरेलू उपचार उपाय भी हैं। वो हम आपको बाद में बताएँगे पहले जान लेते हैं के आखिर यूरीन इन्फेक्शन होता क्यों हैं।

यूरीन इन्फेक्शन के लक्षण 

मूत्र मार्ग संक्रमण यानी के यूरीन इन्फेक्शन दोस्तों इसके लक्षण आम और आसानी से पहचाने योग्य होते हैं। यूरीन इन्फेक्शन में पेशाब के दौरान बार-बार आपको दर्द होता है और कई बार आपको पेशाब लगना, पेशाब के दौरान जलन होना, बुखार होना, मतली (जी मचलना) और आपके लोअर बैक में दर्द का होना ये लक्षण होते हैं।

यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण एक तो यह है की पेशाब करते समय जलन होती है। यूरिन प्राब्लम इन्फेक्श के कारण जानिए की पेशाब बारी बारी जाना पड़ता है मगर पेशाब कम आता है|

कमर के नीचले हिस्से में दबाव और दर्द महसूस होता है तो यह बाथरूम प्राब्लम  का संकेत है।

पेशाब धुँधला हो, खून हो या बदबूदार हो तो संक्रमण होने की संभावना है।

थकान महसूस हो ज़्यादा और फिर बुखार ठंड के साथ आए तो संक्रमण गुर्दे तक पहुँच गया है।

यूरिन इन्फेक्शन सिंप्टम्स इन फीमेल्स इन हिन्दी उपर बताए लक्षण जैसे है और उनको पेट के नीचे के भाग में खास दर्द रहता है।

यूरीन इन्फेक्शन क्यों होता है इसका कारण और इससे कैसे बचा जा सकता है

मूत्र जननांग क्षेत्र में (Urogenital Region) यहाँ बैक्टीरिया के विकास होने पर मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूरीन इन्फेक्शन) होता है. दोस्तों जैसा के हमने आपको ऊपर भी बताया था के यूरीन इन्फेक्शन का होना आजकल एक आम समस्या बन गयी है और ये अक्सर तेज़ मिर्च मसालों का सेवन,

अधिक शराब पीने से, दूषित पानी पीने से, और ज़रुरत से ज़्यादा वक़्त पेशाब रोकने से भी ये हो जाता है और एक कारण यह भी हो सकता है के आप बहुत लम्बे समय से बीमार चल रहे हों तब भी अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो आपको पेशाब सम्बन्धी विकारों का सामना करना पढ़ सकता है।

महिलाओं को ज़्यादा सावधानी बरतना चाहिए :  महिलाओं और किशोरियों को विशेषकर गर्मी और बरसात के मौसम में खासतौर से कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पेशाब लगने पर यानी के जिस समय पेशाब आये उसी समय करलें तो ज़्यादा अच्छा होता है ज़्यादा देर तक पेशाब को रोकने की कोशिश नहीं करना चाहिए।

क्योंकि पेशाब में बैक्टीरिया होते हैं और जब हम पेशाब को रोकते हैं तब ये ऊपर की तरफ बढ़ते हैं और ये बैक्टीरिया मूत्राशय में संक्रमण का कारण बन सकते है।

यूरीन इन्फेक्शन से बचने के उपाय 

यूरीन इन्फेक्शन से बचने के लिए एक बहुत ही सरल उपाय है. इन्फेक्शन का दर तब होता है जब हमारे शरीर में यूरिन बहुत ज़्यादा समय तक रुक रहे या अधिक बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं तो भी दर वाली बात है

अगर किसी को यूरीन इन्फेक्शन हो भी जाये तो इस तरह के संक्रमण के दौरान अधिक मात्र में पानी पिएं, जूस या सूप का सेवन करें क्योंकि इससे मूत्र प्रवाह बढ़ता है और किसी भी संक्रमण के होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

 

यूरीन इन्फेक्शन से बचने के लिए कुछ घरेलु उपचार

खूब विटामिन सी युक्‍त जूस पी सकते हैं जैसे, अनानास, सिट्रस फ्रूट वाले फल भी जैसे के नींबू, मोसम्बी, संतरा और अनार आदि। और ज़्यादा मात्रा में पानी पीना इसका सबसे अच्‍छा उपचार तो है ही। ढेर सारा पानी पियें जिससे बैक्‍टीरिया का नाश हो सके। जों का पानी पी सकते हैं, नारियल पानी पीना भी एक अच्छा उपाय है।

ध्यान रहे के जों का पानी आपके पेट में एसिड की मात्रा घटा देता है जिससे आपकी पेट को शांति मिलती है ध्यान रखिये सिर्फ आपके पेट की शांति की बात हो रही है नहीं तो आप कुछ और समझ लें।

हर रोज खाली पेट 2 लहसुन की कली चबाले या तो 5 लहसुन की कली को मक्खन के साथ कूट के खाए।

किरयता, आमला और हल्दी चूर्ण को पानी के साथ दिन मे दो बार सेवन करे।

गोखरू चूर्ण, गोरखबूटी या कपूर कचली, अनंतमूल और अपमार्ग चूर्ण को संभाग में मिला के पानी मिला के दिन में दो बार पीए।

लहसुन और प्याज का सेवन बहुत लाभकारी है और साथ में सहजन भी फायदा देता है।

खाने में लौंग और विटामिन C ज़्यादा हो ऐसे फल और सब्जी का सेवन करे। सीज़न में मूली अवश्य खाए।

यूरीन इन्फेक्शन के समय चाय, कॉफी, और चॉकलेट को हाथ भी न लगाएं। दालचीनी, और बूचा चाय की पत्तियां, हपूशाा आदि अच्‍छे घरेलू उपचार हैं। ऐसे में आप मही यानी के मठ्ठा भी पी लें तो ये सबसे अच्छा समाधान हैं।

पंसारी के यहाँ एक जड़ी बूटी मिलती है जिसका नाम इचीनेशिया होता है, जो इंफेक्‍शन को फैलाने वाले बैक्‍टीरिया को मारती है। ऐसे में इस हर्ब की चाय का सेवन करने से यह बीमारी पूरी तरह से सही हो सकती है।