नमस्कार दोस्तों एकबार 
फिर से
आपकाAll Ayurvedic में स्वागत है आज हम आपको दाँतो की संजीवनी के बारे मे बताएँगे जिसका नाम है वज्रदंती अर्थात दाँतो को वज्र के समान मज़बूत रखना। 

  • वज्रदंती को बर्लेरिया प्रोनिसिटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सजावटी पौधा है। हालांकि कुछ लोग इसे खर-पतवार भी समझते हैं। जहाँ तक हमारे दांतों तथा मुह के देखभाल की बात है, आयुर्वेद, यूनानी तथा अन्य पारंपरिक तरीकों में वज्रदंती का बहुत महत्व है। हमे इसके कुछ महत्वपूर्ण गुणों जैसे की दांतों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने, दंतक्षय तथा मसूड़ों के सूजन में लाभदायक होने का धन्यवाद करना चाहिए।
  • दन्त लाभ के अलावा वज्रदंती बुखार, सांस की बीमारी, खांसी, जोड़ों में दर्द, गठिया, घाव तथा फोड़ों इत्यादि की चिकित्सा में चिकित्सकों द्वारा प्रयोग की जाती रही है। इससे पाचन तंत्र में कीड़े भी समाप्त होते हैं। इसके अलावा यह बालों की वृद्धि करता है तथा खुजली में भी लाभ देता है। 

घरेलु उपचार में वज्रदंती के उपयोग :

  1. बुखार होने पर वज्रदंती का काढ़ा पीने से बुखार ठीक हो जाता है। वज्रदंती के ताजे पत्ते लेकर उन्हें सुखाकर कटोरे में पानी में डाल कर काढ़ा बना लें इसे छान लें, और दिन में दो बार इसका सेवन करें।
  2. यदि आपके मसूड़ों या दांतों से खून आ रहा है, दांतों में सेंसिटाईजेसन की समस्या है या फिर दांतों में कैविटी है तो वज्रदंती सबसे अच्छी जड़ीबूटी है। वज्रदंती की जड़ से तैयार जड़ीबूटी से कुल्ला करने से ये समस्याएँ ख़त्म हो जाती हैं। आप वज्रदंती के पत्तो या जड़ का पाउडर बनाकर उसे दंतमंजन की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं, यह भी बहुत फायदेमंद होता है।
  3. वज्रदंती की पत्तियों का पेस्ट बनाकर घावो, फोड़ों पर लगाने से दर्द से राहत मिलती हैतथा सूजन भी कम हो जाती है।
  4. वज्रदंती की पत्तियों का पेस्ट बनाकर सिर पर भी लगाया जा सकता है, इससे बालों का विकास होता है। तथा इसकी पत्तियों का पेस्ट बना कर फटी एडियों में लगाने से भी लाभ मिलता है।
  5.  वज्रदंती की सूखी छाल का प्रयोग चिकित्सक सूखी खांसी के लिए करते हैं। तथा इसकी जड़ का पेस्ट छालों पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है।