• आमलकी (बीज रहित फल) का बारीक चूर्ण लें। इस चूर्ण को आमलकी के ही रस में रस सूखने तक मर्दन करें। इस विधि को 21 बार तक करें। मर्दन छाया में करना चाहिए। 

आमलकी के 8 फायदे :

  • मोतियाबिंद : एक लीटर आमलकी फलों का रस लें। इसे गर्म कर लें और 50 ग्राम घृत (घी) और 50 ग्राम मधु (शहद) मिला लें। इसे आंखों में लगाने सेमोतियाबिंदठीक हो जाता है।
  • बालों का झड़ना (गंजेपन का रोग) : आमलकी फल मज्जा और आम के बीज जिनका छिलका उतार दिया गया हो, पानी में लेप तैयार कर उपयोग में लाने से गंजेपन में लाभ होगा।
  •  खून की उल्टी :
    • आमलकी फल को घी में भूनकर बार-बार चूसने से खून की उल्टी में आराम आता है।
    • 2 से 4 ग्राम आमलकी चूर्ण को 4 से 6 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार पीने से लाभ होता है।
  • प्यास अधिक लगना : आमलकी फल का चूर्ण बनाकर 2 से 4 ग्राम चूर्ण में 5 से 10 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार खिलायें। इससे तेज प्यास खत्म होती है।
  • रक्तप्रदर होने पर :
    • 15-30 मिलीग्राम आमलकी फल के रस को 5-10 ग्राम शर्करा के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से रक्त प्रदर रोग में लाभ होता है।
    • आमलकी फल मज्जा का चूर्ण 1-3 ग्राम को 50 मिलीलीटर पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से रक्त प्रदर में लाभ होता है।
  • स्त्री गुप्त अंग की कमजोरी और ढीलापन : अक्सर बुढ़ापे में भी जवानी के प्यार भरे दिनो की याद आजाती है लेकिन इस मुख्य समस्या के कारण वैवाहिक जीवन का आनंद नही आता उसके लिए आमलकी रसायन एक चम्मच और च्वनप्राश का पेस्ट (लेप) एक चम्मच को मिलाकर रोजाना 5 से 6 महीने तक प्रयोग करने से स्त्री के गुप्त अंग में आई कमजोरी और ढीलापन समाप्त होकर शरीर स्वस्थ्य, हष्ट-पुष्ट (चुस्त-दुरुस्त) और ताकतवर बनता है।
  • स्त्री गुप्त अंग की जलन और खुजली : आमलकी का रस 6 मिलीलीटर से लेकर 15 मिलीलीटर, गुडूची 3 ग्राम, चीनी 5 से 10 ग्राम की मात्रा में लेकर एक दिन में सुबह और शाम पीने स्त्री के गुप्त अंग की खुजली में लाभ मिलता है।
  • कुकुणक : आमलकी फल त्वक (चूर्ण), लकुच फल और जामुन के पत्तों के काढ़े से आंखों को धोना चाहिए।