• मूली शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालकर जीवनदायी ऑक्सीजन पैदा करती है।
  • मूली में विटामिन-ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। इसके नियमित प्रयोग से चश्मे का नंबर कम हो जाता है और चश्मा उतर भी जाता है।
  • मूली के सोडियम और क्लोरीन तत्त्व मल को आसानी से निकालने में सहायक होते हैं। मूली में पाया जाने वाला मैग्नीशियम पाचन-क्रिया को नियमित करता है। गंधकीय तत्व चर्म (त्वचा) रोगों से छुटकारा दिलाते हैं।
  • मूली में काफी मात्रा में लौह-तत्व मौजूद होते हैं, जो खून को साफ करते हैं। खून साफ होने से शरीर में प्राकृतिक निखार आता है। नाखूनों में लाली आ जाती है और चेहरा गुलाबी आभा से चमकने लगता है।
  • मूली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है, जिससे हडि्डयां और दांत मजबूत हो जाते हैं।
  • मूली शरीर की शुष्कता (सूखापन) को दूर करती है। जठराग्नि (भूख को बढ़ाती) प्रदीप्त करती है और पेट की गर्मी को दूर करती है। मूली के सेवन से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • चेहरे के मुंहासे, कील, झांईयां और दाग कम करने में मूली का बड़ा सहयोग रहता है।
  • मूली मासिक-धर्म और वीर्य पुष्ट करती है। श्वेतप्रदर के रोग को दूर करने में भी यह बहुत सहायक है।
  • मूली खांसी और दमे में लाभदायक है, लेकिन इसको खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
  • मूली के 5 ग्राम बीज मक्खन के साथ सुबह के समय 1 महीने तक नियमित रूप से लेंने से पौरुष परिपुष्ट (मर्दानगी) होती हैं।
  • जोड़ों में दर्द हो या कंधे और घुटने में दर्द हो तो मूली का सेवन करने से जकड़न भी खुल जाती है।
  • शरीर के किसी ऊपरी भाग मे सूजन आ गई हो तो मूली का रस गर्म करके लगाने से लाभ होता है।
  • गुर्दे की बीमारी में मूली लाभदायक हैं। मूली के सेवन से पेशाब सम्बंधी बीमारियां, जैसे रूक-रूककर पेशाब आना, उसमें जलन होना आदि रोग दूर होते हैं।
  • मूली के रस से सिर को धोने से लीखें और जुएं समाप्त हो जाती हैं।
  • डायबिटीज के रोगियों के लिए मूली काफी लाभकारी है।
  • कान की सुनने की शक्ति कमजोर हो गई हो, तो मूली के रस में नींबू का रस मिला लें और उसे गुनगुना करके कान में डालें और उल्टा लेट जाएं, ताकि कान की सिंकाई के बाद रस बाहर निकल जाए। इससे कान का मैल बाहर आ जाएगा और साफ सुनाई देने लगेगा।
  • कान में दर्द हो तो मूली के पत्ते सरसों के तेल में उबाल लें। इस रस की 2-2 बूंदे कान में टपकाने से दर्द अवश्य शांत होगा।
  • मूली को उबालकर खाने से गर्भ मे स्थिरता आती है और गर्भपात नहीं होता है।