• पालक में विटामिन ए बी सी आयरन कैल्शियम एमिनो एसिड तथा फोलिक एसिड अधिक पाया जाता है। गुणों के मामले में पालक का शाक सब शाकों से बढ़ चढ़कर है। इसका रस यदि पीने में अच्छा न लगे तो इसके रस में आटा गूंथकर रोटी बनाकर खानी चाहिए। पालक रक्त में लाल कण बढ़ाता है। कब्ज दूर करता है। पालक, दाल व् अन्य सब्जियों के साथ खाएं।

➡ पालक की प्रकृति :

  • पालक की प्रकृति पाचक, तर और ठंडी है। पालक में दालचीनी डालने से इसकी प्रकृति बदल जाती है, और पालक को पकाने से भी इसके गुण नष्ट नहीं होते।
  • शरीर क्रिया विज्ञान – फिसिओलॉजी में पालक का महत्व।
  • सम्पूर्ण पाचन तंत्र की प्रणाली (पेट, छोटी बड़ी आंते) के लिए पालक का रस सफाई कारक एवं पोषण करता है। कच्चे पालक के रस में प्रकृति ने हर प्रकार के शुद्धिकारक तत्व रखे है। पालक संक्रामक रोग तथा विषाक्त कीटाणुओं से उप्तन्न रोगों से रक्षा करता है। पालक में पाया जाने वाला विटामिन ए म्यूकस मेम्ब्रेन्स की सुरक्षा के लिए उपयोगी है।

➡ गिरते बालों को रोकने के लिए पालक :

  • कच्चा पालक खाने से कड़वा और खारा ज़रूर लगता है, परन्तु ये गुणकारी होता है। पालक में विटामिन ए विशेष मात्रा में होता है, जो सिर के बालों के लिए अत्यंत ज़रूरी होता है। जिसके सिर के बाल झड़ते हों, उन्हें प्रतिदिन कच्चे पालक का सेवन करना चाहिए, जिससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है।
  • जिन लोगों को पालक खाने से पथरी बनती है वो पालक और हरे पत्ते वाली मेथी मिलाकर साग बनाकर खाएं तो पथरी नहीं बनेगी।

स्त्रोत : hbn team