• आजकल फैटी फिगर और बढ़ते वज़न की समस्या इतनी बढ़ गई है कि लोग समझ नहीं पाते कि क्या खायें और क्या नहीं खायें। इस उलझन में ऐसी कुछ गलतियाँ कर बैठते हैं कि जो वज़न घटना तो दूर की बात है सेहत को लेकर लेने के देने पर पड़ जाते हैं। इसलिए फैट को कम करने के लिए हमेशा डाइटिंग या क्रैश डायट को अपनाने की गलती न करें। इससे आप नुकसान में रहेंगे। हाल के एक अनुसंधान से ये पता चला है कि डायट में कॉपर को शामिल करने से बॉडी का मेटाबॉलिज्म रेट का बढ़ जाता है।
  • ताँबा या कॉपर शरीर में चयापचय की क्रिया के लिए आवश्यक होता है, जो कोशिकाओं से वसा को निकालकर रक्त धमनियों में ले जाता है, जिससे ऊर्जा का निर्माण होता है। इसका खुलासा एक नए अध्ययन से हुआ है, जिसे बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के शोधार्थियों के एक समूह ने किया है। शोध के नतीजे जुलाई में ‘नेचर केमिकल बायोलॉजी’ जर्नल में प्रकाशित होने वाले हैं। 
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के केमिस्ट्री एंड मॉलीक्यूलर एंड सेल बायोलॉजी विभाग में प्रोफेसर क्रिस्टोफर चैंग के अनुसार, ‘अन्य अध्ययन जहां चयापचय में वसा के घटते-बढ़ते स्तर, दोनों के लिए कॉपर को जिम्मेदार को दर्शाते हैं, वहीं हमारे अध्ययन में यह स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि यह किस प्रकार काम करता है।’     www.allayurvedic.org
  • उन्होंने कहा, ‘यदि हमें अधिक कुशलता के साथ वसा को घटाने का तरीका पता चल जाता है तो इससे मोटापा और मधुमेह जैसी समस्याओं से निपटने की राह में एक बड़ी कामयाबी मिल सकती है।’ शोध के मुताबिक, पर्याप्त कॉपर के बिना कोशिकाओं में वसा का जो स्तर एकत्र होता है, उसका कोई उपयोग नहीं हो पाता। इसलिए अपने आहार में ताँबा या कॉपर को सामिल करे व प्रतिदिन ताम्रजल (ताम्बे के बर्तन में रखा पानी) अवश्य पिए। जिससे फैट आपके शारीर में जमा नही हो पायेगी।

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