– यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है .
– इसके पत्तों से जो दूध निकलता है उसे आँख में लगाने से आँख का दर्द ठीक हो जाता है .
– पीपल की ताज़ी डंडी दातून के लिए बहुत अच्छी है .
– पीपल के ताज़े पत्तों का रस नाक में टपकाने से नकसीर में आराम मिलता है .

हाथ -पाँव फटने पर पीपल के पत्तों का रस या दूध लगाए .
– पीपल की छाल को घिसकर लगाने से फोड़े फुंसी और घाव और जलने से हुए घाव भी ठीक हो जाते है .
– सांप काटने पर अगर चिकित्सक उपलब्ध ना हो तो पीपल के पत्तों का रस 2-2 चम्मच ३-४ बार पिलायें .विष का प्रभाव कम होगा .
– इसके फलों का चूर्ण लेने से बांझपन दूर होता है और पौरुष में वृद्धि होती है .
पीलिया होने पर इसके ३-४ नए पत्तों के रस का मिश्री मिलाकर शरबत पिलायें .३-५ दिन तक दिन में दो बार दे .
कुक्कुर खांसी में छाल का 40 मी ली. काढा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है .
– इसके पके फलों के चूर्ण का शहद के साथ सेवन करने से हकलाहट दूर होती है और वाणी में सुधार होता है .
– इसके फलों का चूर्ण और छाल सम भाग में लेने से दमा में लाभ होता है .
– इसके फल और पत्तों का रस मृदु विरेचक है और बद्धकोष्ठता को दूर करता है .
– यह रक्त पित्त नाशक, रक्त शोधक, सुजन मिटाने वाला, शीतल और रंग निखारने वाला है .