• पेट का साफ और तंदुरूस्त होना बहुत जरूरी है। यह शरीर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है अगर पेट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी हो तो यह और भी बहुत सी बीमारियों को न्यौता देता है। बहुत से लोग अक्सर पेट साफ न होने यानि कब्ज की शिकायत करते हैं। इसका कारण पाचन क्रिया में गड़बड़ी के अलावा खान-पान का सही न होना है। 
  • कई बार हमारा गलत लाइफस्टाइल भी पेट पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादा समय तक लगातार कब्ज की बीमारी से पीडित रहने पर त्वचा पर भी इसका असर दिखाई देने लगता है। इसेे चेहरे का कुदरती निखार खोना शुरू हो जाता है। इसके अलावा भूख न लगना,पेट की गैस,बेचैनी आदि की वजह भी पेट ही है।  कब्ज मिटाने के सरल उपचार आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। 

कब्ज होने के कारण :  

  • कब्ज होने के बहुत से कारण हो सकते है लेकिन पेट से जुड़ी परेशानी होने पर इसका सही समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है। 
  1. पानी का सेवन कम करना तले।
  2. हुए भोजन का ज्यादा सेवन।
  3. वजन घटाने के लिए डाइटिंग करना।
  4. मेटाबॉलिजम का कम होना।
  5. पेन किलर का ज्यादा सेवन।
  6. लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना।
  7. एक ही प्रकार का भोजन खाना।

पुरानी कब्ज का घरेलू उपाय : 

  1. अजवाइन 10 ग्राम, त्रिफला 10 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। रोजाना 3 से 5 ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से काफी पुरानी कब्ज समाप्त हो जाती है। 
  2. 5 ग्राम अजवाइन, 10 कालीमिर्च और 2 ग्राम पीपल को रात में पानी में डाल दें। सुबह उठकर शहद में मिलाकर 250 मिलीलीटर पानी के साथ पीने से वायु गोले का दर्द ठीक होता है। 
  3. अजवाइन 20 ग्राम, सेंधानमक 10 ग्राम, कालानमक 10 ग्राम आदि को पुदीना के लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग रस में कूट लें फिर छानकर 5-5 ग्राम सुबह और शाम खाना खाने के बाद गर्म पानी के साथ लें। 
  4. लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अजवाइन के बारीक चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ पीने से कब्ज समाप्त होती जाती है। अजवाइन और कालानमक को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में आराम देता है। 

इन बातो का रखे ख्याल :

  • अजवाइन पित्त प्रकृति वालों में सिर दर्द पैदा करती है और दूध कम करती है। 
  • अजवाइन ताजी ही लेनी चाहिए क्योंकि पुरानी हो जाने पर इसका तैलीय अंश नष्ट हो जाता है जिससे यह गुणहीन हो जाती है। 
  • काढ़े के स्थान पर रस या फांक का प्रयोग बेहतर है। 
  • अजवाइन का अधिक सेवन सिर में दर्द उत्पन्न करता है।