• मसूढों और जबडों में होने वाली पीडा को दंतशूल से परिभाषित किया जाता है। हममें से कई लोगों को ऐसी पीडा अकस्मात हो जाया करती है। दांत में कभी सामान्य तो कभी असहनीय दर्द उठता है। रोगी को चेन नहीं पडता। मसूडों में सूजन आ जाती है। दांतों में सूक्ष्म जीवाणुओं का संक्रमण हो जाने से स्थिति और बिगड जाती है। मसूढों में घाव बन जाते हैं जो अत्यंत कष्टदायी होते हैं।दांत में सडने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है और उनमें केविटी बनने लगती है।जब सडन की वजह से दांत की नाडियां प्रभावित हो जाती हैं तो पीडा अत्यधिक बढ जाती है। प्राकृतिक उपचार दंत पीडा में लाभकारी होते हैं। सदियों से हमारे बडे-बूढे दांत के दर्द में घरेलू पदार्थों का उपयोग करते आये हैं। यहां हम ऐसे ही प्राकृतिक उपचारों की चर्चा कर रहे हैं।
  • दांत हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भोजन को भली-भांति चबाने के साथ-साथ बोलने के लिए भी दांतों का महत्वपूर्ण योगदान है। दांतों का बाहरी भाग शरीर का सबसे कठोर भाग होता है। यह कैल्शियम का बना होता है। दांत में कीड़ा लगना या दांतों के बीच कुछ फसने से दांत दर्द करने लगते है। दांतों का दर्द बहुत असहनीय होता है। क्योंकि दांत दर्द होने की वजह से हम कुछ भी ठीक से खा और पी नहीं सकते है। आज हम आपको दांत दर्द, पायरिया और मुंह की बदबू को जड़ से खत्म कर देने वाला आसान घरेलू उपाय बताएंगे।

दांत दर्द, पायरिया और मुंह की बदबू आने का रामबाण उपाय :
(1) दांत दर्द :

  • दांत दर्द का मुख्य कारण है दांतों की सफाई न करने से दांत में कीड़ा लग जाता है। जो दांत को धीरे-धीरे खत्म करता है। और अंदर से खोखला कर देता है। इसके अलावा मसूड़ों में सूजन और दांतो के बीच कुछ फसने पर भी दांत दर्द होता है।
  • उपचार : दांत दर्द का उपचार करने के लिए सबसे जरूरी है सुबह शाम दांतों की अच्छी तरह सफाई करे। काली मिर्च और नमक का मिश्रण दांत दर्द को रोकने के लिए असरदार है। इसके अलावा लौंग का तेल लगाने से भी दांत के दर्द में फायदा मिलता है। दांतों पर जमे हुए मेल को साफ करने के लिए लाक्षा चूर्ण में शहद मिलाकर दांतों के ऊपर इसकी मालिश करे। और दांतो को टूटने से बचाने के लिए गुनगुने पानी में दो चुटकी नमक डालकर कुल्ला करे। या एक कप गुनगुने पानी में 4-5 नींबू की बूंदें डालकर कुल्ला करे।

(2) मसूड़ों मे सूजन :

  • मसूड़ों में सूजन का मुख्य कारण है विटामिन सी की कमी। मसूड़ों मे सूजन आने से मसूड़े कमजोर होकर गलने और सडने लगते है। तथा इनमें से बदबू आती है। और मसूड़ों से रक्त आने लगता है।
  • उपचार : मसूड़ों में सूजन की रोकथाम के लिए सबसे जरूरी है भोजन में विटामिन सी युक्त द्रव्यों का इस्तेमाल करे। इसके अलावा सूजन से छुटकारा पाने के लिए मसूड़ों पर लौंग घिसकर लगाए। बबूल की छाल भी मसूड़ों की सूजन दूर करने के लिए असरदार है। बबूल की छाल का माउथवॉश बनाकर भी कुल्ला कर सकते है। अदरक भी मसूड़ों की सूजन से राहत देता है।।नींबू का पानी पीने से भी मसूड़ों की सूजन में आराम मिलता है। सरसों का तेल लगाने पर भी मसूड़ों की सूजन कम होती है।

(3) पायरिया :

  • पायरिया का मुख्य कारण है समय पर दांत की सफाई न करना। समय पर दांतो की सफाई नहीं करने से भोजन के छोटे-छोटे कण दांतो के बीच में फंस जाते है। और मसूड़ों में सूजन आ जाती है। इससे मुंह में बहुत बुरी दुर्गंध आती है। पायरिया होने से मसूड़ों में जलन और छाले हो जाते है। दांत हिलने लगते है। तथा मुंह से बदबू आती है। पायरिया होने से दांत समय से पहले गिर जाते है। और समय पर इलाज नहीं कराने पर कैंसर होने की संभावना भी रहती है।
  • उपचार : नमक को सरसो के तेल के साथ मिलाकर दांतो पर मालिश करने से पायरिया रोग ठीक होता है। इसके अलावा चुटकी भर हल्दी में नमक मिलाकर सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालकर दातों पर मालिश करने से भी पायरिया रोग में फायदा होता है। कच्चे अमरूद पर नमक लगाकर खाने से भी पायरिया रोग में फायदा होता है। एक आंवले को रोज चबाकर खाना भी पायरिया रोग के लिए असरदार है।

दाँत की हर समस्या से निजात पाने के 15 चमत्कारी घरेलु उपाय

  1. बाय बिडंग १० ग्राम,सफ़ेद फ़िटकरी १० ग्राम लेकर तीन लिटर जल में उबालकर जब मिश्रण एक लिटर रह जाए तो आंच से उतारकर ठंडा करके एक बोत्तल में भर लें। दवा तैयार है। इस क्वाथ से सुबह -शाम कुल्ले करते रहने से दांत की पीडा दूर होती है और दांत भी मजबूत बनते हैं।
  2. लहसुन में जीवाणुनाशक तत्व होते हैं। लहसुन की एक कली थोडे से सैंधा नमक के साथ पीसें फ़िर इसे दुखने वाले दांत पर रख कर दबाएं। तत्काल लाभ होता है। प्रतिदिन एक लहसुन कली चबाकर खाने से दांत की तकलीफ़ से छुटकारा मिलता है।
  3. हींग दंतशूल में गुणकारी है। दांत की गुहा(केविटी) में थोडी सी हींग भरदें। कष्ट में राहत मिलेगी।
  4. तंबाखू और नमक महीन पीसलें। इस टूथ पावडर से रोज दंतमंजन करने से दंतशूल से मुक्ति मिल जाती है।
  5. बर्फ़ के प्रयोग से कई लोगों को दांत के दर्द में फ़ायदा होता है। बर्फ़ का टुकडा दुखने वाले दांत के ऊपर या पास में रखें। बर्फ़ उस जगह को सुन्न करके लाभ पहुंचाता है।
  6. कुछ रोगी गरम सेक से लाभान्वित होते हैं। गरम पानी की थैली से सेक करना प्रयोजनीय है।
  7. प्याज कीटाणुनाशक है। प्याज को कूटकर लुग्दी दांत पर रखना हितकर उपचार है। एक छोटा प्याज नित्य भली प्रकार चबाकर खाने की सलाह दी जाती है। इससे दांत में निवास करने वाले जीवाणु नष्ट होंगे।
  8. लौंग के तैल का फ़ाया दांत की केविटी में रखने से तुरंत फ़ायदा होगा। दांत के दर्द के रोगी को दिन में ३-४ बार एक लौंग मुंह में रखकर चूसने की सलाह दी जाती है।
  9. नमक मिले गरम पानी के कुल्ले करने से दंतशूल नियंत्रित होता है। करीब ३०० मिलि पानी मे एक बडा चम्मच नमक डालकर तैयार करें।दिन में तीन बार कुल्ले करना उचित है।
  10. पुदिने की सूखी पत्तियां पीडा वाले दांत के चारों ओर रखें। १०-१५ मिनिट की अवधि तक रखें। ऐसा दिन में १० बार करने से लाभ मिलेगा।
  11. दो ग्राम हींग नींबू के रस में पीसकर पेस्ट जैसा बनाले। इस पेस्ट  से दंत मंजन करते रहने से दंतशूल का निवारण होता है।
  12. मेरा अनुभव है कि विटामिन सी ५०० एम.जी. दिन में दो बार और केल्सियम ५०० एम.जी दिन में एक बार लेते रहने से दांत के कई रोग नियंत्रित होंगे और दांत भी मजबूत बनेंगे।
  13. मुख्य बात ये है कि सुबह-शाम दांतों की स्वच्छता करते रहें। दांतों के बीच की जगह में अन्न कण फ़ंसे रह जाते हैं और उनमें जीवाणु पैदा होकर दंत विकार उत्पन्न करते हैं।
  14. शकर का उपयोग हानिकारक है। इससे दांतो में जीवाणु पैदा होते हैं। मीठी वस्तुएं हानिकारक हैं। लेकिन कडवे,ख्ट्टे,कसेले स्वाद के पदार्थ दांतों के लिये हितकर होते है। नींबू,आंवला,टमाटर ,नारंगी का नियमित उपयोग लाभकारी है। इन फ़लों मे जीवाणुनाशक तत्व होते हैं। मसूढों से अत्यधिक मात्रा में खून जाता हो तो नींबू का ताजा रस पीना  लाभकारी है।
  15. दांतों की केविटी में दंत चिकित्सक केमिकल मसाला भरकर इलाज करते हैं। सभी प्रकार के जतन करने पर भी दांत की पीडा शांत न हो तो दांत उखडवाना ही आखिरी उपाय है।