• आज के इस दौर में व्यस्त जीवनशैली और खान पान की गलत आदतों के कारण कई लोग पेट से संबंधित किसी ना किसी रोग से पीड़ित है। जैसे पेट में गैस बनना, एसिडिटी, पेट में दर्द और जलन होना। इन सब के अतिरिक्त और एक परेशानी है जिससे कई लोग परेशान रहते है, वो है पेट सही से साफ़ ना होना जो कब्ज़ का रोग कहलाता है। सुबह सवेरे अच्छे से पेट साफ होना, हेल्थी होने की सबसे बड़ी निशानी है, लेकिन समय के साथ इंसान की हर बात बदल बदलती जा रही है, फिर चाहे सोना, उठना-बैठना बात यहां तक कि खान-पान भी काफी बदल सा गया है। समय की कमी कहें या व्यस्तता, हम अपने खानपान का ध्यान नहीं रख पाते जिस वजह से अपच की समस्या होने लगती है।
  • हमारा पेट सही ढंग से साफ नहीं हो पाता जो शरीर के लिए बहुत हीं हानिकारक होता है। इस वजह से जलन या डकार जैसी समस्या होती है. दरअसल आज हम आपको पेट साफ करने के घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। बता दें कि कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बता रहे हैं जिसके उपयोग से आप अपच जैसी समस्या से निजात पा सकते हैं।
  • पाचन तंत्र का हिस्सा बृहदान्त्र शरीर से अपचनीय खाद्य पदार्थ को निकालने का काम करता है, हालांकि, जब यह ठीक से काम नहीं करता है, तो यह उन्हें नष्ट करने के बजाय विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करना शुरू करता है, जिससे सिरदर्द, कब्ज, गैस, वजन, कम ऊर्जा, थकान और पुरानी बीमारियों जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। हालांकि, बृहदान्त्र की सफाई करके हानिकारक विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाया जा सकता है। लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प प्राकृतिक घरेलू उपचार हैं…

घरेलू उपचार से पेट की सफाई :

  1. ईसबगोल : ईसबगोल की मात्रा 6 ग्राम, को 250 मिलीलीटर गुनगुने दूध के साथ सोने से पहले पी लें। कभी-कभी ईसबगोल की भूसी लेने से पेट फूल जाता है। ऐसा बड़ी आंतों में ईसबगोल पर बैक्टीरिया के प्रभाव से पैदा होने वाली गैस से होता है। इसलिए ध्यान रखें कि ईसबगोल की मात्रा कम से कम ही लें। ईसबगोल के प्रयोग से आंतों की कार्यशीलता बढ़ जाती है, जिससे मल ठीक से बाहर निकल आता है और कब्ज दूर हो जाती है। ईसबगोल लेने के बाद दो-तीन बार पानी पीना चाहिए। इससे ईसबगोल अच्छी तरह फूल जाता है।
  2. त्रिफला : त्रिफला (हरड़, बहेड़ा तथा आंवला) का दो चम्मच चूर्ण प्रतिदिन रात में सोते समय गर्म दूध या गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर हो जाती है।
  3. पानी : बृहदान्त्र की सफाई के लिए एक दिन में कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पीना जरूरी है। पानी की नियमित खपत आपके शरीर को तरल प्रदान करेगी, जिससे प्राकृतिक रूप से हानिकारक विषाक्त पदार्थ आपके शरीर से बाहर निकल जाएंगे। पानी पीने से प्राकृतिक इमलीस्टिक क्रियाओं को प्रोत्साहित किया जा सकता है। शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी आवश्यक है। पानी के साथ, आप ताजे फल और सब्जी के रस भी पी सकते हैं। 
  4. नींबू का रस : नींबू में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इसमें मौजूद उच्च विटामिन सी सामग्री आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है। इसलिए, पेट की सफाई के लिए नींबू का रस इस्तेमाल किया जा सकता है। एक गिलास पानी में शहद, नींबू का रस और समुद्री नमक को अच्छी तरह से मिलाएं।

पेट की सफ़ाई, पेट में गैस बनना, एसिडिटी, पेट में दर्द और जलन का रामबाण उपाय :

  1. शहद : रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद हल्के गरम पानी में मिलाकर पीने से अगली सुबह पेट साफ हो जाता है
  2. पेट साफ़ करने में अरंडी का तेल रामबाण है। रात को सोने से पहले थोड़ा अरंडी के तेल एक गिलास हल्के गरम दूध में मिलाकर पीने से अगली सुबह पेट आसानी से साफ हो जाता है।
  3. नींबू का रस, शहद और काला नमक : सुबह खाली पेट नींबू का रस, एक चम्मच शहद और थोड़ा काला नमक 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करने से भी पेट साफ होता है।
  4. नारियल पानी : नारियल पानी भी पेट साफ़ करने में रामबाण है। रोजाना नारियल पानी सुबह खाली पेट पीने से पेट साफ होता है।
  5. अलसी के बीज और दूध : अलसी के बीज एक गिलास हल्के गरम दूध के साथ रात को सेवन करने से सुबह पेट बड़ी आसानी से साफ हो जाता है।
  6. आंवला पाउडर : आंवला पाउडर के सेवन से अपच की समस्या को खत्म किया जा सकता है। रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच आंवला पाउडर का सेवन आपके लिए बहुत हीं ज्यादा लाभकारी साबित हो सकता है.
  7. सौंफ : सौंफ खाने से गैस और पेट में जलन जैसी समस्याओं से निजात मिलता है. इसलिए जब कभी भी खाएं, खाने के बाद सौंफ अवश्य खाएं।
  8. इलायची : कई बार ऐसा होता है कि हम ना चाहते हुए भी ज्यादा खाना खा लेते हैं. तो जब कभी भी ऐसा हो छोटी इलायची चबा लें. इलायची में पाचन क्षमता काफी अधिक मात्रा में होती है. ये वाष्पशील तेल व पाचन विकार को दूर करने में सक्षम है. इससे आप थोड़ी हीं देर में खुद को हल्का महसूस करेंगे। 

कृपया ध्यान रहे : 

  • इलायची के सेवन से बदहजमी से भी छुटकारा मिलता है। लेकिन ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाएं इलाइची का ज्यादा सेवन ना हीं करें। क्योंकि इससे ग-र्भपात होने का खतरा होता है।