वैसे तो अनार के फायदों के बारे में जितना कहेंगे कम ही होगा। लेकिन आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि इसके सिर्फ बीजों में ही नहीं अनार के छिलकों में भी बहुत गुण होते हैं। अगर आप डाइबिटीक हैं तो अनार के फूल के मदद से आप बिना साइड इफेक्ट के नैचुरल तरीके से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में कर सकते हैं। इस फूल में एन्टीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल रिसर्वर होता है जो डाइबिटीज़ होने पर जो हेल्थ संबंधी प्रॉबल्म्स होते हैं उसके संभावना को कम करने में मदद करते हैं।2008 में डाइबिटीज़, ओबेसिटी एंड मेटाबॉलिज्म के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अनार के फूल में पीपीएआर-अल्फा/गामा एक्टिवेटर प्रोपटीज़ होते हैं जो फैटी एसिड अपटेक और ऑक्सिडेशन, इंफ्लैमेशन एंड वसकुलर फंक्शन को नियंत्रित करके ग्लूकोज़ के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। यहाँ तक कि अनार के फूल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं के साथ यूनानी इलाज में भी किया जाता है।ये तो सभी जानते हैं कि अनियंत्रित डाइबिटीज़ से ऑक्सडेटिव स्ट्रेस होने की संभावना रहती है जिसके कारण ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुँचता है। लेकिन अनार के फूल के सेवन से ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है और इससे ब्रेन फंक्शन भी बेहतर तरीके से हो पाता है। 2011 के अध्ययन के दौरान ये पता चला है कि इससे यादाश्त रखने का शक्ति बढ़ती है।

➡ कैसे करें इसका इस्तेमाल?
अध्ययन के अनुसार डाइबिटीक इसका सेवन एन्टीडाइबिटीक मेडिकेशन के रूप में कर सकते हैं जो कॉगनिटिव फंक्शन को बेहतर बनाता है। अगर आपकी डाइबिटीज़ बॉर्डर लाइन में है तो आप अपने डायट में अनार का कच्चा फूल ले सकते हैं। लेकिन आपको अगर कोई साइड इफेक्ट महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से तुरन्त सलाह लें।