नमस्कार दोस्तों All Ayurvedic में आज हम आपको सुबह खाली पेट नीम की पत्तियाँ खाने से होने वाले 16 फ़ायदों के बारे में बताएँगे। अगर आपके घर के सामने नीम का पेड़ है तो आप वाकई बहुत भाग्यशाली हैं। गर्मी में ठंडी हवा देने के साथ ही ये एक ऐसा पेड़ है जिसका हर हिस्सा किसी न किसी बीमारी के इलाज में कारगर है. इतना ही नहीं विभि‍न्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी नीम को प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जाता है। नीम की पत्तियां लाइलाज बिमारी में भी दवा का काम करती हैं और लगातार इनका सेवन करने से शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। कुछ लोगों के शरीर का इम्युनिटी कम होने पर रोग उन्हें जकड लेते हैं। ऐसे में नीम की पत्तियां औषधि का काम करती हैं, यदि खाली पेट इनका सेवन किया जाये तो कई रोग दूर भाग जायेंगे। 

    आइए जानते है इसके 16 अद्भुत फ़ायदों के बारे में 

    1. आँतों से जुडी समस्याएँ : खाली पेट नीम की पत्ती खाने से पेट संबंधी रोग खत्म हो जाते हैं, साथ ही पेट साफ़ भी हो जाता है और आँतों से जुडी समस्याओं में फायदा पहुँचता है।
    2. जलने पर : अगर आप खाना बनाते वक्त या किसी दूसरे कारण से अपना हाथ जला बैठी हैं तो तुरंत उस जगह पर नीम की पत्तियों को पीसकर लगा लें। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घाव को ज्यादा बढ़ने नहीं देता है।
    3. रक्त संबंधी विकार : यदि खाली पेट नीम की पत्तियों को खाया जाए तो, रक्त संबंधी विकार दूर होते हैं। ये पत्तियां शरीर को संक्रामक रोगों से भी बचाती हैं।
    4. फोड़े और जख्म : कई बार ऐसा होता है कि खून साफ न होने की वजह से समय-समय पर फोड़े हो जाते हैं. ऐसे में नीम की पत्ती को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होगा. साथ ही इसके पानी से चेहरा साफ करने पर मुंहासे नहीं होते हैं।
    5. त्वचा : नीम का सेवन शरीर की दुर्बलता को दूर करता है और त्वचा संबंधी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
    6. कान दर्द में : अगर आपके कान में दर्द रहता है तो नीम का तेल इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद रहेगा. कई लोगों में कान बहने की भी बीमारी होती है, ऐसे लोगों के लिए भी नीम का तेल एक कारगर उपाय है।
    7. डायबिटीज : नीम की पत्तियां डायबिटीज के मरीज के लिए भी लाभकारी होती हैं, शुगर लेवल को कण्ट्रोल करने में भी नीम की पत्तियों का सेवन औषधि की तरह काम करता है।
    8. बालों के लिए :  नीम एक बहुत अच्छा कंडीशनर है। इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर उसके पानी से बाल धोने से रूसी और फंगस जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
    9. वजन कम करे : नीम खाने से अतिरिक्त वसा भी दूर होने लगती है, ये उपाय वसा को गलाने का काम करता है। जिससे वजन को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलती है।
    10. दांतों के लिए : कुछ वक्त पहले तक नीम की दातुन, ब्रश की तुलना में ज्यादा लोकप्रिय थी। एक ओर जहां दांतों और मसूड़ों की देखभाल के लिए हम तरह-तरह के महंगे टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं वहीं नीम की दातुन अपने आप में पर्याप्त होती है। नीम की दातुन पायरिया की रोकथाम में भी कारगर होती है।
    11. संक्रमण से बचाए : अगर आप अकसर संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं तो नीम की कोंपलों को एक माह तक चबाएं। इस ऋतु में पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और नये आते हैं, जो हल्के लाल रंग के होते हैं। यही कोंपल कहलाते हैं। इनकी दो-तीन पत्तियां ले लें और धोकर चबा जाएं। ज्यादा कड़बी लगे तो अगले दिन से थोड़ी अजवाइन के साथ चबाएं। इससे पूरे साल संक्रमण की समस्या से सुरक्षित रहेंगे।
    12. त्वचा के रोगों में : सूखे पत्तों का चूर्ण और आंवले का चूर्ण मिलाकर घी में मिला लें और त्वचा के उस हिस्से पर लगाएं, बहुत जल्द लाभ होगा।
    13. नीम की सींक : भोजन करते समय भोजन का अंश दांतों में फंस जाय तो उसे धातु से बनी चीज से न निकालें। नीम की सींक अधिक उपयोगी और सुरक्षित है।
    14. सांस से बदबू : मसूढ़े बार-बार फूलें, ठंडा-गर्म लगे, सांस से बदबू आए तो नीम के पत्ते तोड़कर धोकर साफ कर खूब उबाल कर ठंडा कर सहन करने लायक पानी से कुल्ला करना फायदेमंद होता है।
    15. बुखार : बुखार लग जाए तो इसके पत्ते को जला कर धुंआ करना या इसकी छाल का काढ़ा बनाकर पीना लाभकारी होता है।
    16. दांतों-मसूढ़ों की तकलीफ : नीम की लकड़ी की दातुन करने से दांत व मसूढ़े मजबूत होते हैं, पायरिया, मुंह की बदबू नष्ट होती है। मसूढ़ों की सूजन, खून आना बन्द होता है। दांतों व मसूढ़ों की समस्त बीमारियों में इससे लाभ होता है।

    कृपया ध्यान रखे :

    • इसके सेवन से कोई नुकसान नजर आये तो गाय का दूध या गाय का घी प्रयोग कर उस दुष्प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं। अगर दूध या घी न मिले तो सेंधा नमक चूसना फायदेमंद साबित होता है।