• प्राचीन काल से ही हम गाय को माता का नाम देते आए हैं क्योंकि यह माता के समान हमारी रक्षा करती है। गाय का दूध, गोबर, घी सभी हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है यहां तक की गाय का मूत्र हमें रोग मुक्त करता है, रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ता है और शरीर के माँस-तंतुओं को स्वस्थ्य रखता है। हमारे देश में गायों की कई नस्लें पाई जाती हैं। वैसे तो सभी प्रकार की गाय हमारे लिए लाभकारी है। 
  • लेकिन अगर शुद्ध देसी गाय की नस्ल हमारे पास है तो समझ लीजिये की हमारे हाथ कोई जादुई चिराग लग गया हो। वैसे तो शुद्ध देसी गाय दूध कम देती है लेकिन कम दूध देने की वजह से देसी गाय के मूत्र में औषधीय गुण काफी मात्रा में बढ़ जाते हैं। 
  • गायके दूध से होने वाले 100 फायदे तो हम जानते ही हैं लेकिन गौमूत्र से होने वाले अनगिनित फायदों से हम अभी तक अनजान हैं। गौमूत्र के नाम से कई लोगों के मुंह बन जाते हैं, क्योकि वह गौमूत्र के नियमित सेवन से होने वाले बड़े-बडे लाभ से अंजान होते हैं। बूढ़ी, बीमार और गर्भवती गायों के मूत्र को नहीं पीना चाहिए। गौमूत्र को कांच या मिट्टी के बर्तन में लेकर साफ सूती कपड़े से 3 बार छानकर चौथाई कप खाली पेट पीना चाहिए। गाय का मूत्र स्वाद में गरम, कसैला और कड़क लगता है।
  •  यह जीवाणु नाशक और जल्द ही पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, क्लोइराइड और सोडियम जैसे कई लाभकारी तत्व पाये जाते हैं।

 गौमूत्र के फायदे:

  1. गौमूत्र ही खाली पेट लेना चाहिए। बीमार व्यक्ति को 100 ग्राम गौमूत्र पीना चाहिए। खाली पेट, कुछ भी खाने से 1 घंटे पहले इसे पीना चाहिए और जो बीमार हैं वह दिन में दो बार भी ले सकते हैं। स्वस्थ लोगों को 50 ग्राम से ज्यादा नहीं पीना चाहिए।
  2. नियमितपर इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह शरीर को बैक्टीरिया से बचाती है। गाय का मूत्र पीने से रक्त शुद्ध होता है जिसकी वजह से मनुष्य उन बीमारियों से बच सकता है जो रक्त की अशुद्धि की वजह से होती है।
  3. त्रिफला दूध का सेवन एक साथ किया जाए तो यह शरीर में एनीमिया की बीमारी को दूर करता है।
  4.  टेंशन की वजह से हमारे नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। गौमूत्र पीने से दिमाग और दिल दोनों को ही ताकत मिलती है और ये दोनों कई बीमारियों से बचे रहते हैं।
  5.  वात, पित्त और कफ के रोगों को अकेले खत्म करने की क्षमता देशी गाय के गौमूत्र में होती है। गौमूत्र वात, पित्त, कफ तीनों की समस्या को अकेले की ख़त्म कर सकती है।
  6.  गौमूत्र में वही 18 सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि मिट्टी में भी होते हैं। शरीर की बीमारियों को ठीक करने के लिए शरीर को जितने घटक चाहिए होते हैं वह सब गौमूत्र में उपलब्ध होते हैं। जैसे-सल्फर की कमी से शरीर में त्वचा के रोग होते हैं। गौमूत्र पीने से सोराइसिस, एक्जिमा, खुजली, दाद-खाज जैसे स्कीन के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
  7.  गोमूत्र के पीने से टी.वी. जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति दुबारा फिर इस बीमारी से पीड़ित नहीं होता है। गोमूत्र से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति इतनी अधिक बढ़ जाती है कि इससे बीमारियाँ शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं। टी.बी. की बीमारी में डाट्स की गोलियों का असर गौमूत्र के साथ 20 गुना बढ़ जाता है। सिर्फ गौमूत्र पीने से टी.बी. 3 से 6 महीने में ठीक होती है तो वहीं सिर्फ डाट्स की गोलियां खाने से टी.बी. 9 महीने में ठीक होती है। जबकि डाट्स की गोलियाँ और गौमूत्र साथ-साथ लेने पर टी.बी. 2 से 3 महीने में ठीक हो जाती है।
  8. आंखोलन और शरीर में सुस्ती हो तो गौमूत्र में चीनी मिलाकर पीना लाभकारी होता है।
  9. गौमूत्रगोल्ड साल्ट्स से भरा होता है। जो हमारे शरीर में मिनरल्स के बैलेंस को कंट्रोल करता है। जिससे हमारी स्मरणशक्ति बढ़ती है और हमारा शरीर रोगों से अच्छी तरह से लड़ सकता है।
  10. करक्यूमिन तत्व की कमी से हम कैंसर जैसी बीमारी से घिर जाते हैं। गौमूत्र में करक्यूमिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है और पीने के तुरन्त बाद आसानी से पच जाता है। पेट के कैंसर, गले के कैंसर और आहारनली के कैंसर को गौमूत्र के सेवन से सही किया जा सकता है।