• लीची का फल पतले लेकिन सख्त छिलके से ढका होता है। अन्दर सफेद गूदेदार रसीला फल होता है।
  • फल के अन्दर भूरे रंग की गुठली होती है। इसके गूदे का जूसर से रस निकाला जाता है।
  • लीची के अन्दर विटामिन, खनिज-लवण पूरी मात्रा में होते हैं। गर्मियों में जब शरीर में पानी व खनिज लवणों की कमी हो जाती है। 
  • तब लीची का रस बहुत फायदेमंद रहता है। इसे खाने से दिल, दिमाग और लीवर मजबूत होता है।

लीची का प्रयोग:

  • यकृत रोग : लीची जल्दी पच जाता है। यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाने वाली तथा यकृत रोगों में लाभकारी है
  • प्यास : लीची गर्मियों के तपन व प्यास को शान्त करती है।
  • पित्त बढ़ना : लीची खाने से पित्त की अधिकता कम होती है।
  • हृदय की दुर्बलता : लीची का सेवन करने से हृदय की तेज धड़कन में लाभ होता है।
  • गर्मी के मौसम में आधा कप लीची का रस रोज पीने से हृदय को काफी बल मिलता है।
  •  याददास्त कमजोर होना : लीची, नारियल और पिस्ता खाने से दिमाग की कमजोरी दूर हो जाती है
  • गले के रोग : लीची के फल को खाने से गले की जलन समाप्त होती है।
  • कब्ज : लीची का नियमित सेवन करने से कब्ज दूर होती है।

  • बवासीर : बवासीर के रोगियों के लिए लीची का सेवन करना लाभकारी होता है।