तनाव हमारे शरीर में प्रवेश करता है वैसे वैसे चिंता, उदासी, दुःख, गलती की भावना, थकान, गुस्सा, उर्जा में कमी और नींद ना आने की समस्या आदि बढ़ते जाते हैं. 2 चम्‍मच सरसों के तेल में हल्‍दी मिला कर खाए. परन्तु इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें हो सकता हैं आपको गंभीर समस्या हो इसके अलावा इनमें से यदि किसी पदार्थ से आपको एलर्जी होती है तो इसका उपयोग ना करे.

डिप्रेशन के लक्षण:

यहा हम आपको डिप्रेशन के कुछ लक्षण बतायेंगे जिससे आपको पता चल जाएगा की आप डिप्रेशन के शिकार हैं और आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता  हैं.

  • अकेले रहना: जो लोग डिप्रेशन के शिकार होते हैं, वो अकेले रहना पसंद करते नहीं, उन्हें ना कही जाना अच्छा लगता हैं और किसी से मिलना जुलना उन्हें पसन्द होता हैं.
  • नींद ना आना: ऐसे लोगो को नींद नहीं आती हैं या उनकी नींद बहुत ज़्यादा कम हो जाती हैं क्योंकि ना चाहते हुए भी उनके दिमाग में कोई ना कोई बात चला करती हैं, जिसे लेकर या तो वो इनसेक्योर होते हैं, या उन्हें किसी चीज़ का भय होता हैं.
  • भूख ना लगना: ऐसे लोगो की भूख भी बहुत ज़्यादा कम हो जाती हैं इसके यह तक वो स्वादिष्ट भोजन खाने में भी अपनी रूचि नहीं दिखाते हैं. और कई बार ऐसे लोग सारा दिन भूखे तक रहते हैं.
  • हर वक़्त यह लगना की उनकी बुराई हो रही हैं: जो लोग अवसाद से पीड़ित होते हैं, अगर उनके घर में या बाहर उनकी जान पहचान में अगर लोग आपस में बात कररहे होते हैं तो उन्हें यह लगता हैं उनकी बुराई हो रही हैं कोई उन्हें पसंद नहीं करता.
  • आत्महत्या के विचार बनाना : डिप्रेशन जब बहुत ज़्यादा हाई लेवल पर हो जाता हैं तो ऐसे लोग अपनी ज़िन्दगी खत्म आने के मंसूबे बनाने लग्नमें लगते हैं.
  • सर में भारीपन रहना वा थका-थका फील करना: डिप्रेशन के मरीज़ हमेशा सर में भारीपन होने की शिकायत करते हैं, और बहुत ज़्यादा लेज़ी होपाते हैं वो हघण्टो तक एक ही जगह में बैठे रहते हैं, और कही भी जाने के लिए हज़ार बहाने बनाते हैं.

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आवश्यक सामग्री:

  • आपको एक संतरे का रस.
  • 4 चम्मच शहद.
  • 2 नीबू. 4 कप पानी.
  • 2 टेबलस्पून हल्दी पाउडर.

कैसे बनायें:

  • इसको बनाना बेहद आसान इसके लिए आपको सभी सामग्री को मिलाकर और 7 दिनों तक प्रतिदिन दिन में एक बार इसका सेवन करें और आप देखेंगे कि आपकी स्थिति में सुधार हो रहा है
  • हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. यह तनाव से लड़ने में सहायता करती है, हृदय की बीमारियों से बचाती है और संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार लाता है.

सावधानिया:

  • पित्त वाहिनी की बीमारी से ग्रसित लोग और पथरी के रोगियों को हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए इसके अलावा गर्भवती महिला को भी हल्दी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.