जुलाई से लेकर सितंबर-अक्टूबर और नवम्बर तक का समय बीमारियों के लिहाज से नाजुक होता है, इन दिनों बीमारियों से बचने के लिए महंगी दवाओं के स्थान पर घरेलू नुस्खे आजमाएं। इन्हीं घरेलू नुस्खों में एक है अनमोल चिरायता। बरसों से हमारी दादी-नानी कड़वे चिरायते से बीमारियों को दूर भगाती रही हैं, आप भी जानें इसके बारे में..

  • दरअसल यह कड़वा चिरायता एक प्रकार की जड़ीबूटी है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। पहले इस चिरायते को घर में सूखा कर बनाया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार में कुटकी चिरायते के रूप में उपलब्ध है।
  • घर में चिरायता बनाने की विधि – 100 ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण, 100 ग्राम चिरायते की सूखी टहनी का चूर्ण लीजिए। इन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए।
  • यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें।मात्र दो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा।  www.allayurvedic.org
  • बुखार ना होने की स्थिति में इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें। यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। इसके सेवन से शरीर से सारे रोगाणु-कीटाणु झर जाते हैं। रक्त एवं त्वचा संबंधी समस्त विकार दूर होते हैं।
  • गर्भवती महिला और कमजोर पाचन शक्ति के लोग विशेषज्ञ से पूछ कर ही इसका सेवन करें। शरीर से हर तरह का विकार निकालता है।