• सरसों जिसे अंग्रेजी में मस्टर्ड सीड, तमिल और मलयालम में कडूगु, तेलुगु में अवालू, बंगाली में मोहोरी और पंजाबी में राई कहते हैं, भारत समेत विश्व की लगभग हर रसोई का एक प्रमुख हिस्सा है। भूरे, काले, सफ़ेद और पीले रंगों में पाए जाने वाला ये बीज खाने का स्वाद बढाने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण होता है। इसके इस्तेमाल से कैंसर, माइग्रेन, अस्थमा, कमर दर्द जैसे रोग भी दूर होते हैं। आईये आज जानते हैं कि ये बीज किस हमें किन-किन रोगों से बचाते हैं और किस तरह हमारे स्वास्थ्य और शरीर से जुडी तकलीफें दूर करते हैं। www.allayurvedic.org
  • 1. कैंसर के उपचार में सहायक : सरसों के बीजों की जो सबसे बड़ी खूबी है वो यह है की यह कैंसर के उपचार में बहुत सहायक होता है। सरसों में मौजूद ग्लुकोसाइनोलेट्स (Glucosinolates) और माइक्रोसाइनेज (Microsinase) जैसे तत्व कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं।
  • 2. रूमेटिक आर्थराइटिस (Rheumatic Arthritis) : रूमेटिक आर्थराइटिस से जूझ रहे लोगो के लिए सरसों के बीज किसी औषधि से कम नहीं हैं। सरसों के बीजों में मौजूद सेलेनियम (selenium) और मैग्नीशियम (magnesium) रूमेटिक आर्थराइटिस की समस्या से राहत दिलाते हैं।
  • 3. माइग्रेन : सरसों के बीज में मौजूद मैग्नीशियम, माइग्रेन की समस्या से भी राहत दिलाता है। अगर मछली को सरसों के साथ पकाया जाए तो मछली में पाए जाने वाले ओमेगा 3 तत्व से मिलकर सरसों, माइग्रेन के खिलाफ अभेद ढाल बनकर खडा हो जाता है।
  • 4. रोगों के खिलाफ कवच : सरसों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो रोग होने से रोकते हैं। आमतौर पर होने वाले रोग जैसे जुकाम, सरदर्द, बुखार इत्यादि सरसों के सेवन करने पर नहीं होते। www.allayurvedic.org
  • 5. रक्तचाप (Blood pressure) और रजनोवृत्ति (Menopause) : सरसों में मौजूद खनिज जैसे कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम और सेलेनियम रक्तचाप को नियंत्रित रखते हैं साथ ही साथ रजनोवृत्ति के समय भी राहत पहुंचाते हैं।
  • 6. अस्थमा (दमा) : सरसों के बीज अस्थमा रोगियों के लिए भी लाभदायक हैं। कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे खनिज अस्थमा के दौरे को रोकते हैं। ये सारे खनिज सरसों के बीजों में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
  • रोगों को दूर करने और स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के अलावा सरसों के बीज त्वचा और बालों के लिए भी बेहद लाभदायक होते हैं। बहुत सारे ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी सरसों का इस्तेमाल होता है।

➡ सरसों के त्वचा सम्बन्धी लाभ :

  • 7. प्राकृतिक स्क्रब : सरसों के बीज प्राकृतिक स्क्रब का काम करते हैं। सरसों के बीजों को पीस कर या ग्राइंड करके, लैवेंडर के तेल या गुलाब के तेल (गुलाब जल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं) में मिलाकर चेहरे को स्क्रब करें।
  • 8. त्वचा को हाइड्रेट करता है : सरसों के हलके इसे बीजों के साथ अलोवेरा जेल मिलकर चेहरे पर लगाने से चेहरा डीहाइड्रेट नहीं होता। ये मिश्रण आपके चेहरे की सारी अशुद्धियों को दूर करता है।
  • 9. त्वचा के संक्रमण को दूर करता है : सरसों के बीजों में सल्फर भी अच्छे मात्रा में पाया जाता है। सल्फर अपने एंटी फंगल गुणों के लिए जाना जाता है। सरसों में इसकी मौजूदगी, सरसों को त्वचा सम्बन्धी संक्रमणों के खिलाफ लड़ने की क्षमता प्रदान करती है। www.allayurvedic.org

➡ सरसों के बालों सबंधी लाभ :

  • 10. सरसों के तेल से बढ़ते हैं बाल : सरसों के बीजों से निकाला गया सरसों का तेल बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। विटामिन A से परिपूर्ण ये तेल बालों को पोषण प्रदान करने के साथ बालों की वृद्धि भी करता है।
  • 11. बालों को बनाता है मजबूत : सरसों का तेल बालों को मजबूत बनाता है। सरसों के तेल में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन A, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड्स पाए जाते हैं। ये सारे तत्व बालों को पोषण देने के साथ-साथ इन्हें मजबूत बनाते हैं। सरसों के तेल में मौजूद यही तत्व सरसों को एक अच्छा कंडिशनर भी साबित करते हैं।
  • 12. गंध दूर करता है : अगर आपके रसोईघर में रखे मर्तबान/जार/कंटेनर अगर उनमे रखे गए मसालों या सामग्रियों की तरह गंध देने लगे तो आप सरसों के बीजों के मदद से उस गंध को दूर कर सकते हैं। एक कप पानी गर्म करें और इसमें सरसों का पेस्ट मिलाये। इस सरसों के पेस्ट वाले पानी से जार को धोएं। जार की गंध दूर हो जायेगी।