• प्रेगनेंसी के दौरान पेट दर्द हो तो ये चिंता की बात है। ये गैस या एसिडिटी जैसी मामूली वजह से भी हो सकता है और गर्भपात जैसी गंभीर वजह से भी। मुंबई के क्लाउडनाइन हॉस्पिटल की कंसल्टेंट गायनाकॉलोजिस्ट डॉक्टर मेघना सरवैय्या बता रही हैं कि प्रेगनेंसी की पहली तिमाही, दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में दर्द होने के क्या-क्या मतलब हो सकते हैं।
  1. पहली तिमाही में पेट दर्द : प्रेगनेंसी के शुरुआती तीन महीनों में पेट दर्द होना बहुत आम बात है। ये कई कारणों से होता है, गर्भाशय का आकार बड़ा होता है जिससे आंतों पर दबाव बढ़ता है, कब्ज़ होता है, पेट में मरोड़ उठती है। इन सबकी वजह से पेट दर्द होता है। कई बार पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द एसिडिटी के कारण भी होता है। इस दौरान राउंड लिगामेंट के स्ट्रेचिंग के कारण भी पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, जो बाद में पेट से नीचे जांघ से ऊपर वाले हिस्से में भी महसूस होता है।
  2. दूसरी और तीसरी तिमाही में पेटदर्द : प्रेगनेंसी में तीन महीने के बाद पेट दर्द को गंभीरता से लिया जाना ज़रूरी है। पेट दर्द के अलावा इस दौरान छद्म संकुचन (false contractions) भी हो सकता है जिससे पेट में समस्या महसूस होती है। इसमें पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां ढीली और टाइट होती हैं, अचानक से। और फिर अपने आप ठीक हो जाती हैं। ये तीसरी तिमाही में ज्यादा होता है। पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और जलन एसिडिटी के कारण होती है जो कि आख़िर के दिनों तक रहती है। बहुत ज्यादा एसिडिटी हाई ब्लड प्रेशर के कारण होती है, जिस पर नजर रखनी जरूरी है।
  3. कब करें चिंता : अगर आपको वैसा दर्द हो रहा है जैसा पीरियड्स में होता है, साथ में ब्लीडिंग भी, तो ये गर्भपात का संकेत हो सकता है।
  4. अगर पेट दर्द के अलावा बार-बार जलन के साथ यूरीनेशन हो रहा है तो आपको यूटीआई हो सकता है।
  5. अगर पेट में दर्द लगातार है, बहुत तेज़ है और वक्त के साथ बढ़ रहा है तो मुमकिन है कि गर्भनाल गर्भाशय से बाहर निकल गई हो।
  6. अगर प्रेगनेंसी के छटे से दसवें सप्ताह के बीच बहुत तेज़ दर्द और ब्लीडिंग हो तो ये ऐक्टॉपिक (ectopic) प्रेगनेंसी हो सकती है।
  7. अगर आपको ऊपर बताई गई कोई भी समस्या और पेट दर्द है तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।