★ मधुमेह 🍇 से निजात पाये सिर्फ 👆 एक महीने में बशर्ते की आपको जैसा बताया जाये वैसा करोगे तो ★

📱 Share On Whatsapp : Click here 📱

➡ मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है यह बीमारी में हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है और साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं तथा धमनियों में बदलाव होते हैं इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क,हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।

➡ मधुमेह (diabetes) क्या है :
• जब किया गया भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं यह एक प्रकार की शर्करा होती है यही ग्लूकोज रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है-अग्नाशय वह अंग है जो रसायन उत्पन्न करता है और इस रसायन को इंसुलिन कहते हैं यही इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है- ग्लूकोज से मिलकर ही यह कोशिकाओं तक जा सकता है शरीर को ऊर्जा देने के लिए कोशिकाएं ग्लूकोज को उपापचित (जलाती) करती है। ये प्रक्रिया सामान्य शरीर में होती हैं।
• ग्लूकोज का स्तर :
मधुमेह होने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में कठिनाई होती है पेट फिर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रहता है और ग्लूकोज रक्त धारा में जाता है किन्तु अधिकांश ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा पाते जिसके कारण इस प्रकार हैं।
• इंसुलिन का स्तर :
इंसुलिन की मात्रा कम हो सकती है। इंसुलिन की मात्रा अपर्याप्त हो सकती है किन्तु इससे रिसेप्टरों को खोला नहीं जा सकता है-पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है।
अधिकांश ग्लूकोज रक्तधारा में ही बना रहता है यही हायपर ग्लाईसीमिया या उच्च रक्त ग्लूकोज या उच्च रक्त शर्करा कहलाती है। कोशिकाओं में पर्याप्त ग्लूकोज न होने के कारण कोशिकाएं उतनी ऊर्जा नहीं बना पाती जिससे शरीर सुचारू रूप से चल सके।
www.allayurvedic.org

➡मधुमेह और हृदय-धमनी रोग :
• रजोनिवृत्ति के पूर्व महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण हृदय रोगों का खतरा पुरुषों की अपेक्षा कम होता है। पर मधुमेह ग्रसित महिलाओं में यह सुरक्षा कवच निप्रभावी हो जाता है और इनके हृदय-रोग का खतरा पुरुषों के समकक्ष हो जाता है।
• मधुमेह रोगियों में हृदय-धमनी रोग मौत का प्रमुख कारण है
मधुमेह रोगियों में हृदय-रोग अपेक्षाकृत कम आयु में हो सकते हैं दूसरा अटैक होने का खतरा सदैव बना रहता है।
• मधुमेह रोगियों को एन्जाइना होने पर श्वास फूलने, चक्कर आने, हृदय गति अनियमित होने का खतरा रहता है मधुमेह रोगियों में हृदय-रोग का खतरा मधुमेह की अवधि के साथ बढ़ता जाता है इनमें हार्ट-अटैक ज्यादा गंभीर और घातक होता है।
• मधुमेह रोगियों में यदि रक्त का ग्लूकोज स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है और रक्त में किरोन का स्तर भी बढ़ता है तो अचानक रक्त संचार की प्रणाली कार्य करना बंद कर देती है और उससे मौत हो सकती है।
• मधुमेह, हृदय-रोग, उच्च रक्तचाप तीनों ही जटिल, गंभीर व घातक रोग हैं रोगों का घनिष्ठ संबंध जीवन-शैली से तो है ही और साथ ही तीनों रोगों का आपस में भी घनिष्ठ संबंध होता है एक रोग होने पर दूसरे रोगों का खतरा बढ़ जाता है। रोग गंभीर, घातक, अनियंत्रित, लाइलाज हो सकते हैं अत: नियमित अंतराल में चिकित्सकीय परीक्षण करवायें, जिससे इन रोगों की शुरुआती अवस्था में ही पता लग सके।
www.allayurvedic.org

➡ मधुमेह से बचाव के कुछ उपाय :
• मधुमेह होने के कारण पैदा होने वाली जटिलताओं की रोकथाम के लिए नियमित आहार, व्यायाम, व्यक्तिगत स्वास्थ्य, सफाई और संभावित इनसुलिन इंजेक्शन अथवा खाने वाली दवाइयों (डॉक्टर के सुझाव के अनुसार) का सेवन आदि कुछ तरीके हैं।
• सबसे पहले चिन्ता, तनाव, व्यग्रता से मुक्त रहें तथा तीन माह में एक बार रक्त शर्करा की जाँच करावें और भोजन कम करें, भोजन में रेशे युक्त द्रव्य, तरकारी, जौ, चने, गेहूँ, बाजरे की रोटी, हरी सब्जी एवं दही का प्रचुरमात्रा में सेवन करें, चना और गेहूँ मिलाकर उसके आटे की रोटी खाना बेहतर है, चना तथा गेहूँ का अनुपात 1:10 हो तो उत्तम है।
• प्रात: 4-5 कि॰मी॰ घूमें और मधुमेह पीड़ित मनुष्य नियमित एवं संयमित जीवन के लिये विशेष ध्यान रखें तथा शर्करीय पदार्थों का सेवन बहुत सीमित करें।
• स्थूल तथा अधिक भार वाले व्यक्ति अपना वजन कम रखने का प्रयत्न करें और मैथुन मधुमेह के रोगियों के लिये वर्जित नहीं है बल्कि मैथुन से शरीर का व्यायाम होता है अतः इसे समय-समय पर करते रहना चाहिये।
• नित्य कुछ समय के लिये प्राणायाम अवश्य करना चाहिये व्यायाम से रक्त शर्करा स्तर कम होता है तथा ग्लूकोज का उपयोग करने के लिए शारीरिक क्षमता पैदा होती है। मधुमेह के रोगियों को “कपाल-भाति प्राणायाम” करने से बहुत लाभ होता है।
www.allayurvedic.org

➡ कारगर घरेलु आयुर्वेदिक उपचार :
• आपको पता है कि मेथी दाने से डायबिटीज नियंत्रित हो जाती है आप रात को एक चम्मच मेथीदाना एक गिलास गुनगुने पानी में भिगो दें और सुबह उठकर बिना कुल्ला किये मेथीदाना चबा-चबा कर खा लें और पानी को घूँट-घूँट कर पी लें यकीन माने दो से तीन महीने के अन्दर डायबिटीज पूरी तरह नियंत्रित हो जाता है।

• अगर आपको मधुमेह है और अधिक मीठी चीजो के कारण ये रोग हुआ है तो घबराए नहीं इस रोग के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी आप बेल की पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस रोग से निजात पाने के लिए बेल के 15 पत्तें लें और इसे 30 ग्राम पानी में मिलाकर पीस लें, अब 3 या 4 कालीमिर्च के दानें लें और इन्हें भी बारीक़ पीस लें और बेल की पत्तियों के पिसे हुए मिश्रण में मिला दें अब इस मिश्रण को एक साफ कपडा लेकर छान लें फिर इस मिश्रण का सेवन करें। बेल की पत्तियों के मिश्रण का सेवन करने से कुछ ही महीनों के अंदर आपको इस रोग से निजात मिल जाएगा।

• आप बेल का अन्य तरीके से प्रयोग कर इस रोग से मुक्त हो सकते हैं इस उपाय को अपनाने के लिए 6 या 7 बेल के पत्तें लें, 29 श्यामा तुलसी के पत्तें लें, 11 कालीमिर्च के दाने लें तथा 9 नीम की पत्तियां लें अब इन सभी को एक साथ मिलाकर खूब महीन पीस लें, पिसने के बाद एक गिलास पानी लें और पिसे हुए मिश्रण के साथ इसे पी लें, रोजाना दिन में एक बार ऐसा करने से शीघ्र ही आपको इस रोग से राहत मिल जाएगी।