वीर्य के सभी प्रकार के दोषों को दूर करने की लाजवाब औषधि :
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वीर्य शोधन वटी योग :
चांदी के वर्क, वंग भस्म, मूंगा पिष्टी , शुद्ध शिलाजीत, गिलोय सत्व, सुवर्ण माक्षिक भस्म 10-10 ग्राम, भीमसैनी कपूर 3 ग्राम ।

विधि : भस्मों में चांदी के वर्क खरल करके मिला लें और बाद में शिलाजीत को मिला कर जल के सहयोग से चने बराबर गोली बना लें ।
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उपयोग : वीर्य के सब प्रकार के दोष दूर करके शुक्राणु बढ़ाने के लिए बहुत लाभदायक है ।
शराब, दर्द निवारक दवा और एन्टिब्युटिक्स के दुरप्रयोग के कारण जब वीर्य आग की तरह जलता हुआ निकले, शुक्राणुओं का एकाउंट कम होना के साथ साथ शीघ्रपत्न इस के प्रयोग से ठीक होते है ।
चांदी के वर्क की शुद्धता किसी सुनार से चैक करवा लें क्योंकि बाजार में मिलने वाले वर्क अक्सर सिक्का या जिस्त की मिलावट वाले होते है । या किसी विशवासयोग फार्मेसी की दवा खरीदें ।
बहुत उपयोगी दवा है । सब मूत्र रोगों में बहुत उपयोगी है।
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